Saturday, June 18, 2011

जीवन की  धरा  चलती  रहती   रूकती  नहीं  
एक  एक  पल  एक एक सेकंड   जू  मिसाल  चलती  है
बड़ा   सूक्षम   रूप  से  हर  चीज  , आदमी  , पंच  तत्त्व  , संसार की  गतिविदी
सब  चल   रहे  है  पर  कभी  हम  इस   की  और    देखते  तक  नहीं
हमारे  पास  समय ही  नहीं   है
जो  लोग  समय  को  पहचान  नहीं  सकते   समय  का  उपयोग  नहीं  करते   है  और  समय को  बहुत  गवाए  है............     वाही  लोग  आज  समय  के  शिकार  है   उन्हें  यह  सूक्षम  कारोबार   नहीं   देखाई   देगा 
और  वाही  कहंगे  समय  ही  नहीं  है   
समय  को  पहचानो  येही  समय  की  मांग  है
पल  दो पल  दिन  में   कभी   धयान  भी  किया  करो
 
वक्त  का क्या बरोसा  मौत कभी आ जाये
क्या बरोसा  जिंदगानी का  आदमी है बबूला पानी का
कल क्या होगा किसीको पता  नहीं
फिर भी कल की सब को चिंता  है
अगर आज और अभी  को  अच्छा  बना  लेते है
तो  कल  तो आपका  ही  है
जो आज  करते  है  उसका ही फल  का  हम पते है
सो  अब  तो  अच्छा  सोचो  येही जीवन का राज है

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