Monday, June 20, 2011

कोई  रूप  देखा  कोई  रंग देखा  कोई दिल देखा  कोई  ईमान  देखा  कोई नाम  देखा  कोई आकार  देखा
इस दुनिया  में  हर कोई  अपने  अनुरूप  देखता  है
आप  क्या  देख  रहो  हो  यह  आपका अनुभव  बन  जाता  है
आप  क्या  लेना  चाहते  हो  ये  आप  को  पता  है
जैसा  आप  चाहते  हो  वैसे  आप देखते  हो
और  वैसे  ही  आप को  मिलता भी है   फिर भी  आप  अगर   खुश  नहीं  है
तो  कही  न  कही  देखने  या  चाहने  में  अंतर  है
कोई  बात  नहीं  एक बार  फिर  चेक  करो  और  कोशिश  करो
सुना  है  कोशिशि  करने  वालोकी   हार  नहीं  होती  है

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