Friday, February 1, 2013

Ye Daulat Bhi le lo.....Gazal of Jagjit Singh...Hindi

    
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले चीन लो मुझसे मेरी जवानी  2
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी 2

मुहल्ले की सबसे निशानी पुरानी
वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी
वो नानी की बातों में परियों का डेरा
वो चहरे की झुरिर्यों में सदियों का फेरा
भुलाए नही भूल सकता है कोई
वो छोटी सी रातें वो लंबी कहानी
 वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी 2

कड़ी धूप में अपने घर से निकलना
वो चिड़िया वो बुलबुल वो तितली पकड़ना
वो गुड़िया की शादी में लड़ना झगड़ना
वो जुलो से गिरना वो गिर के संभालना
वो पीपल के छललो के प्यारे से तोहफे 2

वो टूटती हुई चूड़ियो की निशानी
 वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी 2

कभी रेत के उँचे टिलों पे जाना 2
घरौंदे बनाना बनाके मिटाना
वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी
वो कब्बो खिलौनों की जागीर अपनी
ना दुनिया का गम था ना रिश्तों के बंधन 2
बड़ी खूबसूरत थी वो ज़िंदगानी 2
वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी 2

ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले चीन लो मुझसे मेरी जवानी
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन
वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी 2
Gazal _Jagjit Singh

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