Tuesday, March 26, 2013

होश-हवास

 होश-हवास

  
 हैप्पी होली .............
अपने होश-हवास में कुछ ऐसे सत्कर्म जरुर कर लेना 
ताकि मुत्यु के बाद तुम्हारी आत्मा की शांति के लिए किसी और को 
भगवान से प्रार्थना न करनी पड़े .
क्यू की औरो के जरिये की गई प्रार्थनाए तुम्हारे बिल्कुल भी काम आने वाली नहीं है 
क्या तुम्हे पता नहीं की अपना किया हुआ  और अपना दिया हुआ ही काम आता है ?
आज मन की भूमि पर ऐसे बीज मत बोना की कल उनकी फसल काटते वक्त 
ऑंसू बहाने पड़े 

  दुनिया की रीत निराली है। लोग 'प्रयासों' को नहीं, 'परिणामों' को देखकर शाबाशी देते हैं। 'पश्चाताप' को नहीं, 'प्रायश्चित' को सराहते हैं। 'खेती' को नहीं, 'फ़सल' को देखकर मुग्ध होते हैं। सुन्दरता की प्रशंसा 'फूल' की होती है न कि 'बीज' की।
इस लिए यहाँ हम सब को मिलकर कुछ प्रयास करना है ........
किसीने टिक कहा है की देह सहित देह के सब रिश्ते नतो को भूल खुद को आत्मा समझ 
परमात्मा और उसकी रचना को जानो तो मूल सरूप का आनंद अनुभव में आयेगा 
जहा आप सदा और सर्वदा सुख शांति का अनुभव कर पाएंगे  

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