Wednesday, March 20, 2013

"Great Motivational Thoughts"

ज़िन्दगी के केवल चार दिन है 
और वे चार दिन भी दो आरजू और दो इंतजार में कट जाते है 
इस से आगे बढ़े तो इंसान की सिर्फ दो दिन की कुल ज़िन्दगी है 
और उन दो दिनों में एक दिन मौत का भी होता है 
अब बचा केवल एक दिन और पता नहीं,
 इस एक दिन की ज़िंदगी पर आदमी इतना क्यू अकड़ता है ?
 ज़िंदगी की हैसियत एक मुटठी  राख से ज्यादा कुछ भी नहीं है 
तो भाई अब ज़िंदगी जीयो ऐसे की ज़िन्दगी को एक नयी ज़िंदगी मिले 

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