Saturday, May 3, 2014

Hindi Motivational Stories - एकता से सफलता

" एकता से सफलता "

   एक गरीब परिवार था पर सभी सदस्यो में आपसी एकता बहुत थी। सो एक दिन वे सभी कमाने के लिए निकले बहुत दूर जाने पर एक पेड़ की छाया में बैठ गए। अब भूख भी बहुत लगी थी सो सभी भोजन का सामान जुटाने लगे। पिता ने बड़े पुत्र से कहा - जाओ, कुछ लकड़ियाँ ले आओ। यह सुन छोटा बेटा बोल पड़ा - इन्हें मत भेजो, मैं ले आता हूँ। पिता ने कहा - सभी एक - एक कार्य करो। एक लकड़ी लाए, दूसरा पानी, तीसरा पत्थर लाकर चूल्ह बनाए। देखते देखते सब तैयारी हो गई। वृक्ष पर बैठा एक देवदूत यह सब देख रहा था। और सोचा इनके पास तो खाना बनाने के लिए समग्री तो नहीं है बस लकड़ी पानो चूल्ह से क्या करेंगे। तब उसने हँसकर पूछा - पकाओगे क्या ? खाओगे क्या ? बड़े लड़के ने ऊपर देवदूत को देखा तो कहा - तुम जो हो। ये बात सुनते ही देवदूत के मन में आया इन्होंने मुझ पर आस राखी है तो में जरूर पूरी करूँगा और उन्हें एक स्थान दिखाया जहाँ बड़ा खजाना दबा पड़ा था। और उस दौलत को निकल कर दूसरे दिन वे सभी वापस चले गये और आनन्द से रहने लगे।

      अब पड़ोसी ने उनकी समृद्दि देखी तो पूछा - तुम एक ही रात में इतने सम्पत्तिवान कैसे हो गए ? उन्होंने सारी बात सुना दी। पड़ोसी भी उनकी नक़ल करता हुआ सारे परिवार को लेकर उसी वृक्ष के नीचे पहुँचा और भोजन बनाने का प्रयत्न में जुट गया। उसने बड़े पुत्र से कहा - जाओ, थोड़ी लकड़ियाँ ले आओ। उसने क्रोध से कहा - छोटे को क्यों नहीं कहते हो, क्या उसकी टाँग टूटी हुई है? पिता ने फिर छोटे को कहा।  वह बोला - मैं तो बहुत थक गया हूँ, मुझ से चला नहीं जाता, दुसरो को क्यों नहीं कहते, इनकी टैंगो में पानी नहीं भरा है? पिता ने तीसरे पुत्र से कहा परन्तु वह भी नहीं गया। तंग आकर पत्नी ने कहा - अच्छा, मैं जाती हूँ। इस पर उसने कहा - तू कहाँ जायेगी, बैठी रह, ऊँची - नीची जगह में कहीं गिर जायेगी। वृक्ष पर बैठा देवदूत यह सारा तमाशा देखता रहा। फिर बोला - तुम विचित्र लोग हो। लकड़ी नहीं, पानी नहीं , खाने का सामान नहीं, तब क्या भूखे रहोगे। बड़े लड़के ने कहा - तुम जो हो। देवदूत ने कहा - मैं उनके लिये हूँ जो एक होकर रहते है। तुम तो आपस में ही फूटे बैठे हो। तुम को कुछ देने का कोई लाभ नहीं होगा। यह कह कर वह देवदूत अदृश्य हो गया।

सीख - कभी भी नक़ल नहीं करनी है और परिवार में एकता हो तो वो परिवार सुखी और समृद्ध होगा इस लिये सदा एकता में रहो। 

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