Friday, May 2, 2014

Hindi Motivational Stories - " ईमानदार बनो "

ईमानदार बनो  

     एक पेड़ पर चातक पक्षी अपने पिता के साथ रहता था। एक दिन चातक पक्षी को प्यास लगी उसने पिता के सामने कहीं से भी पानी पी लेने की जिद्द की। पिता ने उसे बहुत समझाया परन्तु पुत्र जिद्द पर अड़ा रहा। आखिरकार पिता ने उसे सागर का जल पी लेने की छुट्टी दे दी। चातक ने हिन्द महासागर की ओर उड़ान भरी। और जब रात हुआ तो रास्ते में एक घर के आँगन में नीम के पेड़ पर विश्राम करने लगा। कुछ देर बाद एक नौजवान ने लगभग 11. 30 बजे उस घर में प्रवेश किया। पेड़ के नीचे लेटे वृद्ध पिता ने देरी से आने का कारण पूछा ?  नौजवान ने बताया रास्ते में पैसे से भरा एक बटुआ मुझे मिला था और बैलगाड़ी में बैठे एक सज्जन तक पहुँचाने में चार घण्टे दौड़ना पड़ा। घटना सुनकर वृद्ध की आँखों में आंसू बहने लगे उसने पुत्र की पीठ थपथपाते हुए रुंधे गले से कहा - शाबास बेटा, आज तूने मेरा सिर ऊँचा कर दिया, चाहे जान चली जाये पर तुम अपनी ईमानदारी कभी भी मत छोड़ना जैसे कि चातक पक्षी मेघ के जल के अलावा कोई बूँद गले में नहीं उतारता। इसके बाद दोनों ने प्यार से भोजन किया और आँगन में ही सो गये। सारी घटना को पक्षी साक्षी हो सुनने वाले चातक पुत्र की आँखों की नींद उड़ गयी। उसके कानों में बार - बार वृद्ध के शब्द गूँज रहे थे -जैसे कि चातक पक्षी मेघ के जल के..... … । सुबह हुई और चातक -पुत्र उड़ चला, समूद्र की ओर नहीं पर अपने पिता के कोटर की ओर। जब उनके पिता ने अपने पुत्र को आते देखा तो पुत्र से पूछा तो उसने सारी घटना सुना दी। इस प्रकार हम सभी को भी उस नौजवान और चातक पक्षी की तरह बनकर रहना है। 

सीख  - चाहे कैसी भी बात हो या अपनी इच्छा के वश हो अपने वसुलो नहीं तोड़ना। इस के चाहे हमें मरना भी पड़े। ये इस कहानी से हम को सीख मिलता है। 

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