Friday, June 13, 2014

Hindi Motivational Stories....... करत करत अभ्यास से सफलता मिलती है

करत करत अभ्यास से सफलता मिलती है 

     एक राजा का राजकुमार जब वयस्क हुआ तो राजा उस से कहा कि तुम गद्दीनशीन होने से पहले अपने राज्य के प्रसिद्ध तलवारबाज से प्रशिक्षण लेकर आओ। लेकिन ध्यान रखना कि उस पहुँचे हुए गुरु के किसी कार्य में शंका नहीं उठाना। राजकुमार आश्रम में पहुँचे। गुरु जी ने उसे अपने अन्य शिष्यों के साथ आश्रम में लकड़ी काटना, सफाई करना, भोजन व्यवस्था करना आदि में लगा दिया। राजकुमार के मन में शंका उठी कि यहाँ न तो कोई तलवार दिख रही है, न कोई प्रशिक्षण परन्तु पिता की आज्ञानुसार उसने शंका को दबा दिया। इस तरह छ : मास गुजर गए।

    एक दिन गुरु जी लकड़ी लेकर राजकुमार के पास आए और कहा कि आज से मैं तुम्हें तलवार बाजी शिखाउँगा पर मेरी एक शर्त है कि मैं दिन में किसी भी समय आकर आप पर इस लकड़ी से प्रहार करूँगा। यदि आप "सावधान" शब्द का उच्चारण कर दोगे तो नहीं मारूँगा। इस अभ्यास में राजकुमार ने कई बार गुरु से मार खाई क्यों कि वह कभी बातों में और कभी काम में मशगूल होता था। पर धीरे-धीरे वह इतना सजग हो गया कि गुरु जी के मारने से पहले ही "सावधान" शब्द बोलने लगा। इसके बाद गुरु जी ने कहा कि जब तुम सो रहे होंगे तब भी मैं लकड़ी मारने आऊँगा। कुछ दिन तक सोए-सोए मार खाने के बाद राजकुमार नींद में भी इतना सजग रहने लगा कि गुरु जी के मारने से पहले ही "सावधान" शब्द बोलने लगा। ऐसा करते-करते वह इतना कुशल और सतर्क हो गया कि किसी भी समय, कोई भी, किसी भी दिशा से वार करे तो वह आसानी से सामना कर सकता था। वह अवस्था आने पर गुरु जी ने उसके हाथ में तलवार देकर प्रशिक्षण शुरू किया और राजकुमार तलवारबाजी में बहुत पारंगत हो गया।

    सीख - इस कहानी में गुरु स्वयं परीक्षा बन कर बार-बार अपने शिष्य के सामने आता है और शिष्य शुरू में उस परीक्षा में असफल होता क्यों कि जागरूक रहने का संस्कार ढूढ़ हुआ नहीं है परन्तु धीरे-धीरे अभ्यास करते-करते यह संस्कार इतना पक्का हो जाता है कि परीक्षा बनने वाला गुरु ही उसकी प्रशंसा करने लगता है। इसी तरह चाहे कोई भी मार्ग हो सांसारिक या आध्यात्मिक मार्ग में चलने वाले पर भी माया कभी उनकी जागृत अवस्था में और कभी स्वप्न अवस्था में वार करती है परन्तु जब एक योगी माया के सभी रूपों को परख लेता है कि वह कब,कैसे, कितनी शक्ति से, कहाँ आ सकती है तो अपने को सुरक्षित कर लेता है। लेकिन यह होता है सतत् अभ्यास और गहन धारणा के बल से। इस लिए अपने जीवन में धारणा और अभ्यास को बढ़ाओ। 

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