Sunday, June 15, 2014

Hindi Motivational stories......निश्चय बुद्धि

निश्चय बुद्धि

   अंगद जब रावण के दरबार से वापस लौटा तो अंगद के जो साथी थे वह उसे कहने लगे कि तेरे में इतनी शक्ति कैसे आ गई कि रावण की सेना का कोई भी योद्धा तुम्हारा पैर नहीं हिला पाया। यदि तुम्हारा पैर हिल जाता तो ? अंगद ने कहा नहीं हिलता। उसके साथी ने कहा फिर भी हिल जाता तो अंगद निश्चय से बोला नहीं हिलता। उसके साथ बार बार यही प्रश्न पूछते रहे यदि हिल जाता तो ? आखिर अंगद ने उत्तर दिया कि रावण की सभा में जब मैंने पैर रखा तो अपनी शक्ति के आधार पर नहीं रखा था। मैंने रावण की सभा में बोला की यदि यह पैर हिल गया तो सीता मैया को यही छोड़ जाऊँगा। अगर मेरा पैर हिल जाता तो मेरा क्या जाता, राम जी की सीता जी जाती और मुझे पूरा निश्चय था, राम भगवान कभी ऐसा नहीं होने देते। जिस कारण रावण की सभा के बड़े सुरमा भी मेरा पैर नहीं हिला पाये।

सीख - कहते है निश्चय में विजय है इस लिए अपने जीवन में भी निश्चय बुद्धि बनो ऐसे जैसे अंगद सामान।

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