Tuesday, June 17, 2014

Hindi Motivational Stories...................... योग का विज्ञान

योग का विज्ञान 

  एक बहुत समझदार व्यापारी थे। एक बार वे बहुत सारे गहने और पैसे लेकर दूसरे शहर जा रहे थे। जब स्टेशन पर टिकट ले रहे थे, तो उन्होंने जान लिया कि एक चोर भी उनके पीछे-पीछे चल रहा है। गाड़ी में भी वह उनके सामने की सीट पर बैठ गया। थोड़ी देर बाद एक स्टेशन आया, व्यापारी नीचे उतरे, मौका मिलते ही चोर ने उनका सारा सामान खोलकर देखा परन्तु कुछ भी नहीं मिला। जब गाड़ी चली तो व्यापारी आकर सीट पर बैठ गया। थोड़ी देर बाद फिर एक सेटशन आया, व्यापारी फिर नीचे उतरे और प्लेटफार्म पर टहलने लगे। चोर ने भी फिर से सारा सामान खोजा परन्तु कहीं भी पैसे और गहने नही मिले। उसे बहुत आश्चर्य हुआ। इसके बाद सेठ का उतरने का स्टेशन आ गया। उन्होंने चोर से पूछा, तुम्हारे मन में एक प्रशन है ना ? चोर ने कहा, आपको कैसे मालूम है ? मुझे मालूम है, सेठ ने कहा, जब-जब मैं नीचे उतरा तब-तब तुम ने मेरा सामान चेक किया कुछ ढूंढा, तुम्हें वो पैसे और गहने चाहिये ना ? हाँ सेठ, मैंने स्टेशन पर देखा था, आपके पास गहने और पैसे है जरूर, परन्तु इतना ढूंढने पर भी मुझे वो नहीं मिले, अब बता दीजिये, आपने कहाँ छिपाये ? सेठ ने खड़े होते हुये कहा, अपना तकिया उठा, मैंने सारे पैसे और गहने इस तकिये के नीचे ही तो छिपाये थे, मुझे पक्का पता था कि तू सब कुछ ढूंढेगा, पर स्वयं के तकिये के नीचे नहीं ढूंढेगा इसलिये मैंने उन्हें यही छिपा दिया।

सीख - हर विपरीत स्तिथी में घबरा ने बजाय समझ से काम लेना चाहिये। जिस से हमारा नुकसान भी न हो और समाने वाले को मौका भी न मिले।


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