Thursday, July 17, 2014

Hindi Motivational Stories.............................................जापानी सैनिक

जापानी सैनिक

    जापान के लोग अपनी देशभक्ति और राजभक्ति के लिये प्रसिद्ध है। अपने देश के लिये हँसते-हँसते प्राण देना जापान के लोग बड़े गौरव की बात मानते है। एक बार रूस और जापान में युद्ध हुआ था। रूस-जैसे बड़े देश को जापान ने उस बार हरा दिया था। उस युद्ध में जापानी सैनिकों ने वीरता के बड़े-बड़े काम किये थे। उन में से एक और उदहारण आपको सुना रहे है।

    रूस-जापान के एक और युद्ध की बात है। रूस की सेना ने एक पहाड़ी पर आक्रमण किया। उस पहाड़ी पर जापान के थोड़े-से सैनिक और एक भारी तोप थी। रुसी सैनिक उस तोप पर अधिकार करना चाहते थे, क्यों कि उनके पास वहाँ उतनी बड़ी तोप नहीं थी। रूस के सैनिकों का आक्रमण बहुत भयानक था। वे संख्या में बहुत अधिक थे। जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा। वे अपनी भारी तोप हटा नहीं सके। उस तोप तथा पहाड़ी पर रुसी सेना ने अधिकार कर लिया।

     उस तोप को चलाने वाला जो जापानी तोपची था, उसे यह बात सहन नहीं हुई कि उसकी तोप से शत्रु उसी के पक्ष के सैनिकों के प्राण ले। रात में बिना किसी को बताये वह पेट के बल सरकता, छिपता उस पहाड़ी पर चढ़ गया। वह उस तोप के पास तो पहुँच गया, किन्तु तोप को हटाने या नष्ट करने का उसके पास कोई उपाय नहीं था। अन्त में वह उस तोप की नली में घुस गया।

     रात में वहाँ बरफ पड़ी। तोप की नली में घुसे तोपची को ऐसा लगता था कि सर्दी के मारे उसकी नसों के भीतर रक्त जमता जा रहा है। उसकी एक-एक नस फटी जा रही थी। सारे शरीर में भयंकर पीड़ा हो रही थी। फिर भी वह दाँत-पर-दाँत दबाये वहाँ चुपचाप पड़ा रहा। सुबह हुआ। रुसी सैनिक तोप के पास आये। उन्होंने तोप की परीक्षा लेने का निश्चय किया। तोप में गोला-बारूद भरा गया। जैसे ही तोप छूटी, उसकी नली में घुसे जापानी सैनिक के चिथड़े उड़ गये और तोप के सामने का वृक्ष रक्त से लाल हो गया। तोप की नली से रक्त निकल रहा था। रुसी सैनिकों ने वह रक्त देखा तो कहने लगे - "ऐसा लगता है कि तोप छोड़कर जाते समय जापानी लोग इस में कोई प्रेत बैठा गये है। वह अब रक्त उगल रहा है। आगे पता नहीं क्या करेगा, यहाँ से भाग चलना चाहिये। "

    प्रेत के भय से रुसी सैनिक वह तोप वहीँ छोड़कर उस पहाड़ी से भाग गये। इस बार रूस जीत कर भी हार गया।

सीख - एक जापानी तोपची ने अपना बलिदान करके वह काम कर दिखाया जो एक सेना नहीं कर सकी थी।

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