Wednesday, April 8, 2015

Hindi Motivational Poem on Nasha - Mukthi


आज मैं बतलाऊंगा, आपको अपने विचार,
नशे से हो जाता है जीवन ये बेकार|
 
पान-पत्ती छोड़ कर, खाओ सेब अनार,
उम्र बढ़ाने का सपना, कर लेना साकार|
 
चाय-कॉफ़ी छोड़ कर, पियो दूध निर्विकार,
इससे बनोगे स्वस्थ तुम, बस में होगा संसार|
 
छोडो रजनीगंधा, तुलसी और पान पराग,
वरना तुम हो जाओगे आदत से लाचार,
खांस खांस के मरोगे तुम, हो न सकेगा उपचार|
 
दारू-विस्की छोड़ कर, कर लो धर्म-ध्यान,
वरना फिर पछताओगे, हो न सकेगा कल्याण|
 
सादा जीवन, उच्च विचार, यह है हमारा नारा,
इस नारे को अपना कर, कर लो स्वप्न साकार|
 
अनमोल मनुष्य भाव है यह,
करना मत इसको बेकार,
धर्म-ध्यान तुम कर के,
हो जाओगे पार|

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