Sunday, May 29, 2016

आज की जरूरत जैवीक खेती

 आज की जरूरत जैवीक खेती

हरियाणा के ईश्वर सिंह जी कहते है में एक व्यपारी था जो खेती में लगने वाले दवाईया बेचता था और किसानों के साथ मेरा अच्छा दोस्ताना था एग्रीकल्चर सीड्स, फ़र्टिलाइज़र सब किसानों की जररूत थी तो वो मेरे पास आते थे और ले जाते थे व्यापार तो अच्छा था ही लेकिन एक दिन एक दवा की बोतल का ढक्कन खुला हवा था और वो गिर गयी जिस की वजह से मेरी तबीयत ख़राब हो गयी। और दस तक मुझे हॉस्पिटल में रहना पड़ा।
तब मुझे महसूस हुवा सिर्फ दवा के गंध से मैं बेहोश और बीमार हो गया तो खेती में कितना दवा किसान डालता है तो खेती का क्या हाल होता होगा बहुत चिंतन मनन करने पर मैं इस निष्कर्श पर पहुँचा की ये केमिकल और फर्टिलिजेर्स खेती और पर्यावरण को नुक्सान देते है। क्यों न में पेड़ फूल से ही कुछ दवा बनाए जो खेती और मनुष्य के लिए हनिकारक न हो। इस विचार में मैं काफ़ी दिनों तक मनन करता रहा और एक दिन एक कार्य किया कुछ नीम, धतूरा और अन्य पत्तों का मिश्रण बनाकर एक किसान को दिया और कहा तू इस का प्रयोग कर और मुझे इसका रिजल्ट बताना पैसे बाद में देना।  उस किसान को फायदा हुआ और वो और मिश्रण लिए मेरे पास आया इस तरह एक के बाद एक किसान जुड़ते गये और सब को फायदा मिला। अधिक जानकारी के लिए
ऑडियो फ़ाइल जरूर सुने।






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