Wednesday, March 20, 2013

माँ महात्मा और परमात्मा

माँ  महात्मा और परमात्मा 
ज़िन्दगी में  माँ ,महात्मा, परमात्मा  से  बढकर  और कुछ नहीं है ......
जीवन में तीन  आशीर्वाद बहुत जरुरी है 
१) बचपन में माँ का 
२) जवानी में महात्मा का 
३) बूढापे   में  परमात्मा  का 
इस तरह  माँ बचपन को  संभाल  लेती है  और जवानी में  नियत  बदले  या  बिगड़े  तो ...
उपदेश  देकर  महात्मा  सुधार  देता है  और  बूढापे  में  मौत बिगड़े  तो 
परमात्मा  संभल  लेता है ........इस लिए किसीने  टिक  कहा है 
माँ   महात्मा  और  परमात्मा  ही ज़िन्दगी  है ...
धर्म , पूरण  और इतिहास  में से अगर ये  तीन  शब्द  निकाल  दे तो वे 
महज  कागजों  के  पुलिंदे  मात्र  रह  जाते  है… 


No comments:

Post a Comment