- संजय कुमार ने कहा, "मैंने पहले कभी भी इतना शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण नहीं देखा था। ब्रह्माकुमारियों शांतिवन में, मुझे ऐसा लगा जैसे मैं एक अलग दुनिया में हूं।"
- वे आगे कहती हैं, "मैंने महसूस किया कि एक सर्वोच्च शक्ति यहां कार्य कर रही है और हर व्यक्ति को सशक्त बना रही है। इस अनुभव ने मुझे बहुत प्रभावित किया।"
- संजय कुमार ने सद्भावना रेल यात्रा के बारे में भी साझा किया, "डॉ. सुभाराव की संगति में, मैंने बहुत कुछ सीखा। उन्होंने मुझे समझाया कि कैसे समाज को बेहतर बनाया जा सकता है।"
- संजय कुमार ने कहा, "डॉ. सुभाराव एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हर छोटी चीज़ का ध्यान रखते हैं। मैंने देखा कि वे चलते समय भी जमीन पर पड़े कूड़े को उठा रहे थे।"
- जब मैंने उन्हें कूड़ा दिया, "तो उन्होंने मुझसे कहा, 'संजय, मेरे हाथ पहले ही गंदे हो चुके हैं। अगर मैं तुम्हें यह कूड़ा दूंगा, तो तुम्हारे हाथ भी गंदे हो जाएंगे। फिर हमें कितना पानी बर्बाद करना होगा?'"
- इस घटना ने मुझे बहुत प्रभावित किया, "क्योंकि इससे मैंने सीखा कि हर छोटी चीज़ महत्वपूर्ण है और हमें अपने आस-पास की साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।"
- संजय कुमार ने कहा, "ब्रह्माकुमारियों शांतिवन में बिताए चार दिनों ने मेरे जीवन को बदल दिया है। मैं अब एक अधिक जागरूक और जिम्मेदार व्यक्ति हूं। मैं इस अनुभव को सभी के साथ साझा करना चाहता हूं।"