Friday, March 1, 2013

" परम सुख का अनुभव "

परम सुख का अनुभव 
परम सुख  भाग्या  से भी प्राप्त होता है और समझ से भी अब भाग्य की बात छोड़ कर अगर हमे परम सुख का अनुभव करना है तो समझ से काम लेना होगा  कारन ये है की भाग्य तो  सब का एक जैसा नहीं है और उसके लिए पुण्य का खता भरपूर चाहिए लेकिन समझ से तो सब प्राप्त कर सकते है और समझ की बात करे तो बहुत ही सिंपल है पर उसका अभ्यास चाहिए जैसे  अप स्कूल गए तो बहुत दिनों तक गए तब जाकर आपको  ये पढ़ मिला वैसे ही एक गहरी अद्यात्मिक  चिंतन ही आपको परम सुख दे सकता है वो ये है 
 """   आप  कभी परमात्मा और अपनी मौत को न भूले  दूसरा आप ने अगर किसी का भला किया है तो तुरंत भूल जाएये  और कभी आप को किसी दे दुःख या धोखा दिया हो तो उन्हें भी भूल जाएये  "   
और येही परम सुख का मंत्र है  परम सुख का सही अर्थ है सुख दुःख से परे होना ,अच्छा और बुरा से परे होना 
जीवन और मूर्त  से परे होना ..................

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