Monday, November 18, 2013

" उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िन्दगी "

कही बार हम जिस तरह से जीवन जीते है उसे  अच्छा करने के लिए हम नए नए रिस्ते जोड़ते और मेहनत भी करने  लगते है पर कुछ इस तरह हम उस जंजाल में फ़स जाते है ना वो काम पूरा होता है और ना ही हम उसे छोड़ पाते और फिर हमें वाही पुरानी अपनी ज़िंदगानी याद आ जाती है लेकिन अब वो रिस्ता टूट चूका होता है 
और हम उसे पुनः जोड़ने कि कोशिश नहीं कर पाते और जोड़ कि उमीद करते है तो तब कुछ इस तरह कि गीत  के अल्फ़ाज याद आते है जैसे। ……

उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िन्दगी
हर शय जहाँ हसीन थी, हम तुम थे अजनबी

लेकर चले थे हम जिन्हें जन्नत के ख़्वाब थे
फूलों के ख़्वाब थे वो मुहब्बत के ख़्वाब थे
लेकिन कहाँ है इनमें वो, पहली सी दिलकशी
उस मोड़ से शुरू...

रहते थे हम हसीन ख़यालों की भीड़ में
उलझे हुए हैं आज सवालों की भीड़ में
आने लगी है याद वो फ़ुर्सत की हर घड़ी
उस मोड़ से शुरू...

शायद ये वक़्त हमसे कोई चाल चल गया
रिश्ता वफ़ा का और ही रंगो में ढल गया
अश्कों की चाँदनी से थी बेहतर वो धूप ही
उस मोड़ से शुरू...
                                                          




Music By: जगजीत सिंह
 Movie/Album: द लेटेस्ट (1982)
Lyrics By: सुदर्शन फ़ाकिर
Performed By: जगजीत सिंह, चित्रा सिंह

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