Saturday, June 28, 2014

Hindi Motivational Stories..................सावधानी और दयालुता

सावधानी और दयालुता

          चित्तौड़ के बड़े राजकुमार चन्द्रस शिकार खेलने निकले थे। अपने साथियों के साथ वे दूर निकल गये थे। उन्होंने उस दिन श्रीनाथ द्वारे में रात बिताने का निश्चय किया था। जब शाम होने पर वे श्रीनाथद्वारे की ओर लौटने लगे, तब पहाड़ी रास्ते में एक घोड़ा मरा हुआ पड़ा दिखायी दिया। राजकुमार ने कहा - ' किसी यात्री का घोड़ा यहाँ मर गया है। घोड़ा आज का ही मरा है। यहाँ से आगे ठहरने का स्थान तो श्रीनाथद्दारा ही है। वह यात्री वहीं गया होगा। '

    श्रीनाथद्दारे पहुँचकर राजकुमारने सब से पहले यात्री की खोज की। उनके मन में एक ही चिन्ता थी कि यात्रा में घोड़ा मरने  यात्री को कष्ट होगा। राजकुमार उसे दूसरा घोड़ा दे देना चाहते थे। लेकिन जब सेवकों ने बताया कि यात्री यहाँ नहीं आया है, तब राजकुमार और चिन्तित हो गये। वे कहने लगे - 'अवश्य वह यात्री मार्ग भूलकर कहीं भटक गया है। वह इस देश से अपरिचित होगा। और रात्रि में वन में पता नहीं, वह कहाँ जायेगा। तुम लोग टोलियाँ बनाकर जाओ और उसे ढूंढ़कर ले आओ।

      राजकुमार की आज्ञा पाकर उनके सेवक मशालें जलाकर तीन,तीन चार-चार की टोलियाँ बनाकर यात्री को ढूंढने निकल पड़े। बहुत भटकने पर उन में से एक टोली के लोगों को किसी ने पुकारा। जब उस टोली के लोग पुकारने वाले के पास पहुँचे, तब देखा कि एक बूढ़ा और एक नवयुवक एक घोड़े पर बहुत-सा सामान लादे पैदल चल रहे है। वे लोग बहुत घबराये और थके हुए थे। राजकुमार के सेवकों ने कहा - ' आप लोग डरे नहीं। हम लोग आपको ही ढूंढने निकले है। '

           बूढ़े ने बड़े आश्चर्य से कहा - ' हम लोग तो अपरिचित है। विपति के मारे घर-द्दार छोड़कर श्रीनाथजी की शरण लेने निकल पड़े थे।  और आज ही रस्ते में हमारा घोड़ा गिर पड़ा और मर गया। यहाँ हमलोग रास्ता भूलकर भटक पड़े। और आप लोग हम लोगों को भला कैसे ढूंढने निकले ?  तब सेवकों ने कहा - ' हमारे राजकुमार ने आपका मरा घोड़ा देख लिया था। वे प्रत्येक बात में बहुत सावधानी रखते है। और उन्होंने जान लिए की घोडा मरा है तो यात्री भटक गया होगा। इस लिए उन्होंने हम लोगो को भेजा आप लोगोँ को ढूंढने।

   एक राजकुमार इतनी सावधानी रखें और ऐसे दयालु हो, यह दोनों यात्रियों को बहुत अदभुत लगा। श्रीनाथद्दारे आकर उन्होंने राजकुमार के प्रति कृत्यज्ञता प्रकट की। राजकुमार चन्द्रस बोलो - ' यह तो प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है कि वह सावधान रहे और कठिनाई में पड़े लोगों की सहायता करे। मैंने तो अपने कर्तव्य का ही पालन किया है। '

सीख - हर मनुष्य के दिल में इस तरह सब के लिए दया और प्रेम जागे तो सन्सार स्वर्ग हो जाएगा।

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