Wednesday, October 23, 2013

My sweet Father......

मेरे प्यारे बाबा


आपकी याद आयी इस नुम्हा श्याम में
असमान में जैसा रंग है सुनेहरा
वैसे आपकी याद में समाया  है एक रंग सुनेहरा
जैसे श्याम डालती है
याद आपकी बढती है
आपकी याद आयी इस नुम्हा श्याम में ..................

आकाश में बदलो के बीच सूरज भी अपना रंग बदला है
आज की श्याम आपकी याद से मेरा रूप और निकरा है
श्याम के कुछ देर बाद सूरज चुप जाता है
और धिरे से चाँद का दीदार होता है
वैसे आपकी याद ने आज की श्याम में नयी खुशिया लायी है
आपकी याद आयी इस नुम्हा श्याम में............................

 

ख़ामोशी के इस आलम में श्याम का रंग जैसा और गहरा होता है 
वैसे उसकी खूबसूरती और बढाती है 
चाँद के दीदार के बाद असमान में सितारे नज़र आते है 
वैसे  ह़ी  आपकी याद के इस सफ़र में जितना में गहरा उतरता हु 
उतना ही  जादा सुख शांति प्रेम के अनमोल मोती प्राप्त करता हु 
आपकी याद आयी इस नुम्हा श्याम में...........................

आपका लाडला 
 


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