Friday, November 29, 2013

" कैसी है ये उदासी छाई "


कैसी है ये उदासी छाई, मेरे दिल
कैसी गहरी है ये तन्हाई, मेरे दिल
राहों में यादों की ख़ामोशी बरसे
आँखों में जो गम है, आंसू को तरसे
ये बता ये क्यूँ हुआ
बुझ गया, क्यूँ हर दिया

जो भी मिला, वो खो गया
तुझको पता है ऐसा ही सदा होता है
जाना ही था वो जो गया,
दिल तू अकेला ऐसे क्यूँ भला रोता है
भूले जो हैं तुझको अब उनको भूल जा तू भी
वरना मेरे साथ यादों के ज़ख्म खा तू भी
मान जा, ऐ दिल मेरे
भूल जा, शिकवे गिले
कैसी...

तू ही बता ऐ दिल मेरे
मैंने तो हमेशा तेरा ही कहा मना है
क्यूँ है मुझे ये गम घेरे
मुझे उम्र भर क्या बस यही सज़ा पाना है
सपने बोये मैंने और दर्द मैंने है काटे
गाये गीत मैंने और पाए मैंने सन्नाटे
आरज़ू नाकाम है
सूनी सी हर शाम है
कैसी...




Movie/Album: कार्तिक कॉलिंग कार्तिक (2010)
Music By: शंकर, एहसान, लॉय
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: कैलाश खेर, सुकन्या पुरयास्था

No comments:

Post a Comment