दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे
गजब भयो रामा, जुलम भयो रे
मोरा सुख चैन भी, जीवन भी मोरा छिन लिया
पापी संसार ने साजन भी मोरा छिन लिया
पिया बिन तड़पे जिया, रतिया बिताऊं कैसे
बिरहा की अगनी को असुवन से बुझाऊँ कैसे
जिया मोरा मुश्किल में पड़ गयो रे
गजब भयो रामा...
रात की आस गयी, दिन का सहारा भी गया
मोरा सूरज भी गया, मोरा सितारा भी गया
प्रीत कर के कभी प्रीतम से ना बिछड़े कोई
जैसी उज़डी हूँ मैं, ऐसे भी ना उजड़े कोई
बना खेल मोरा बिगड़ गयो रे
गजब भयो रामा...
जीते जी छोडूँगी सैय्या ना डगरीयाँ तोरी
बीत जाएगी यूँ ही सारी उमरीया मोरी
नैनों से होती रहेगी यूँ ही बरसात बलम
याद में रोती रहूंगी तेरी दिन-रात बलम
नगर मोरे मन का उजड़ गयो रे
गजब भयो रामा...
Movie/Album: गंगा जमुना (1961)
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: लता मंगेशकर
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