वीर महावीरों कि बाते मुझे अच्छे लगते है
पर आज के युग में शयद वो बाते सम्भव नहीं
देश पर कुर्बान उन बलिदानो को सलाम
आज अपने घर में सब हिलमिलकर रहे
ये भी कोई कम बात नहीं
वीर महावीरों कि बाते मुझे अच्छे लगते है
कल कि बात है दादाजी मुझे महाराणा प्रताप
कि वीर गता सुनायी, मेरे भी रोंगटे खड़े हो गए
सा ह्रदय से करता हु में उनको प्रणाम
देश पर कुर्बान उन बलिदानो को सलाम
आज अपने घर में सब हिलमिलकर रहे
ये भी कोई कम बात नहीं
वीर महावीरों कि बाते मुझे अच्छे लगते है
वक्त बदला है आज ना हाथी है ना घोड़े
ना ही वो तलवार ना ही वो राजशाही
देश पर कुर्बान उन बलिदानो को सलाम
आज अपने घर में सब हिलमिलकर रहे
ये भी कोई कम बात नहीं
वीर महावीरों कि बाते मुझे अच्छे लगते है
आज उम्र कम पर काम बड़े का जमाना है
मुख रंगीन हाथो में सफ़ेद दीया सलाई
कभी काच कि बोतल हाथ में तो
कभी काली सफेद डिब्बी हाथ में
ये मुझे कभी अच्छे नहीं लगते
देश पर कुर्बान उन बलिदानो को सलाम
आज अपने घर में सब हिलमिलकर रहे
ये भी कोई कम बात नहीं
ये भी कोई कम बात नहीं
रमेश खाड़े
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