Thursday, February 20, 2014

Hindi Motivational Storie - The End of the Earth - सृष्टि के अन्त का लक्षण

सृष्टि के अन्त का लक्षण 

                 महाभारत में बहुत सी ऐसी बाते है जिन को समझ ने से आज के समय कि पहचान मिलती है ऐसा ही एक उदहारण आज में आपको बताना चाहूंगा … महाभारत में वर्णन आता है की एक बार पाण्डवों ने भगवन से पूछा , "भगवन ,कृपया हमको सृष्टि की वे निशानियाँ बतायें जब आपका पुनः इस धरा पर अवतरण होगा। ?
भगवन ने कहा,"में आपको निशानियाँ बताऊँगा जरुर पर उसके लिए आपको एक काम करना होगा आप सब भाई अलग अलग दिशाओं में एक एक घण्टा घूम कर आऒ और लौटकर मुझे बताओ कि आपने क्या क्या देखा ? पाँचो भाई एक साथ गए और एक घण्टे के बाद भगवन के पास आकर आश्चर्यजनक  घटनाओं का वर्णन करने लगे।  सब से पहले युधिष्ठिर बोला ,"मैंने एक हाथी देखा जिसकी दो सूंडे थी।'  उसके बाद अर्जुन बोला ,"मैंने एक ऐसी पक्षी देखा जिसके पैरो में मंत्र बंधे हुए थे परन्तु वह मॉस को चोच से नोच नोच कर खा रहा था।'  अब भीम की बरी थी , उसने कहा ,"मैंने एक ऐसी गाय देखी जो अपनी बछड़ी का दूध पी रही थी।'  नकुल भी बोला ,"मैंने तीन कुआँ देखा। पहला कुआँ भरा हुआ था लेकिन उसके पास एक कुआँ खाली था।  इन दोनों से दूर , भरा हुए एक तीसरा कुआँ था, जो खाली कुआँ को पानी दे रहा था।"  अब अन्त में सहदेव ने भी अपना अनोखी घटना को सुना दिया ,"मैंने पहाड़ से एक पत्थर को फिसलते देखा जो रास्ते के सारे पेड़ो को गिरता हुआ आ रहा था।  वाही पत्थर एक घास के तिनके के आगे रुक गया।  इन अजीबोगरीब बातों को सुनाकर पांचो भाई एक - दूसरे को देखने लगे और सयंत भाव से भगवन के उत्तर कि प्रतीक्षा करने लगे।

                                                   

          भगवन ने सब को सुनने के बाद इन अजीबोगरीब बातो का आध्यात्मिक रहस्य  बताना  सुरु किया  और कहा , "  दो  सूंड वाला हाथी राज्य सत्ता का प्रतीक है।  धर्म ग्लानि के समय का राजा (राजनैतिक ) अमीर व गरीब दोनों से खायेगा।  दोनों से लगान के रूप में पैसे वसूल करेगा।  उसके मन में दया और सेवा की भावना नहीं रहेंगी। मंत्र युक्त पक्षी मॉस नोच कर खाये , इसका अर्थ है कि कलयुग के अन्त में तथाकथित ब्राह्मण , पण्डित , पुजारी , आदि मंत्रो के ज्ञाता होते हुआ भी भ्रस्ट आचरण वाले होंगे।  वे तमोगुणी खानपान , चरणों की पूजा और धन कि हवश , इन विकृतियों से ग्रसित होंगे।  गाय द्वारा बछड़ी का दूध पिया जाना इस बात का प्रतीक है कि कलयुग में माता - पिता भी बेटी का कमाया खायेंगे।  तीन अलग अलग कुओ का रहस्य है - धर्म ग्लानि के समय मनुष अपने माता पिता तथा अति नजदीक  सम्बन्धियों से दूर - दराज के लोगों से मदद व लेन - देन करेंगे।  पहाड़ से गिरता पत्थर धर्म की गिरावट का प्रतीक है।  इस गिरावट से बड़े - बड़े विद्धानों का भी पतन हो जायेगा।  अन्त में तिनका समान हल्के , बिन्दु रूप भगवन शिव के द्वारा मानव मात्र को ज्ञान - योग कि शरण दी जायेगी , तब गिरावट बन्द होगी।

 


सीख  - वर्तमान समय को समाने रख कर देखो ऐसा ही है अब आपको क्या करना है आप समझ गए होंगे तो आज ही से भारत का प्रचीन राजयोग जरुर सीखे इस का अभ्यास आज से सुरु करे जिस में सारा संसार का कल्याण समाया हुआ है।







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