अहंकार से अपमान होता है
एक बार कि बात बताते है आज से बहुत साल पहले कहानिया सुनाने का ढंग कुछ खास था तब कहानियो को बहुत प्यार से लोग सुनते थे और सुनाने वाले भी बड़ी रोचकता से सुनाते थे।
मोमबत्ती और अगरबत्ती दो बहनें थीं। दोनों ही एक मंदिर में रहती थीं।
बड़ी बहन मोमबत्ती हर बात में अपने को गुणवान और अपने फैलते प्रकाश के प्रभाव में
अपने को ज्ञानवान समझकर , छोटी बहन को नीचा दिखाने का प्रयास करती थी।
अगरबत्ती उसके इस प्रयास से व्यथित होती थी परन्तु व्यथा को प्रकट नहीं कर पाती थी।
सदा की भाँति उस दिन भी पुजारी आया , दोनों को जलाया और
किसी कार्यवश मंदिर से बाहर चला गया। तभी हवा का एक तेज
झोंका आया और मोमबत्ती बुझ गयी। ये देख अगरबत्ती ने धीरे से
अपना मुख खोला - हवा के एक हल्के झोंके ने तुम्हारे प्रकाश को समाप्त कर दिया
परन्तु इस झोंके ने मेरी सुगन्ध को और ही चारो तरफ बिखेर दिया।
ये सुनकर मोमबत्ती को अपने अहंकार का बोध हो गया।
सीख - व्यक्ति को कभी भी किसी भी बात का अहंकार नहीं करना चाहिए
क्यों कि इस संसार में हर व्यक्ति का अपना विशेष रोल है .
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