Friday, March 14, 2014

Hindi Motivational & Inspirational Stories - " दुनिया रैन बसेरा "

" दुनिया रैन बसेरा " 

                 कहते है कि पश्चिम में एक बड़ा ही ख्याति प्राप्त फकीर हुआ, नाम था उसका इब्राहिम। बात उन दिनों की है जब वो एक बादशाह था। एक दिन वह अपने महल में विश्राम कर रहा था।  उसे बाहर से कुछ झगड़ने की आवाज़ सुनाई दी। एक फकीर उसके द्वारपाल से कहा रहा था कि आज रात इस सराय में उसे विश्राम करना है। द्वारपाल ने कहा _ तुम पागल हो ?  देखते नहीं कि यह बादशाह का महल है। और किसी के महल को सराय कहना, रैन बसेरा कहना उस का कितना बड़ा अपमान है ? यदि तुम्हें रात बितानी ही है तो बस्ती में जाओ, वहाँ तुम्हें कोई सराय मिल जायेंगी। उस शोर गुल की आवाज़ को सुनकर बादशाह खुद द्वार तक आये और फकीर को अन्दर ले गये।

                   और एक जगह पर बिठाकर बादशाह ने कहा  - तुम अंधे हो, आँखे होते भी दिखाई नहीं देता कि यह सराय नहीं, मेरा महल है -  फकीर ने कहा। हाँ लेकिन यह बताओ कि जब मै कुछ समय पहले यहाँ आया था उस समय कोई दूसरा व्यक्ति यहाँ था, वह कौन था ? वह मेरे वालिद थे, जो स्वर्ग सिधार गये - बादशाह ने कहा। फकीर ने कहा - हाँ , उससे भी कुछ समय पूर्व जब हम यहाँ अाये थे उस समय एक तीसरा व्यक्ति इस सिंहासन पर बैठा था, वह कौन थे ? हाँ , वह हमारे दादा जी थे, उनका भी स्वर्गवास हो गया - बादशाह ने कहा।  वह फकीर हॅसने लगा और उसने कहा - जब मै दोबारा यहाँ आऊँगा तो यह पक्का है कि यहाँ तुम्हारा बेटा मिलेगा। इसी लिये तो मै इसे सराय कहता हूँ। तीन बार आया , अलग अलग लोगों को ठहरा पाया।  फिर तुम्हारा महल कैसे हुआ ? कुछ समय के बाद लोग यहाँ आते है और चले जाते है। फिर तेरा महल कैसे हुआ ? सराय नहीं तो क्या है ? कहते है उस फकीर की ये बाते सुनकर इब्राहिम को एक गहरा झटका लगा - ऐसे, जैसे बिजली। उसकी आँखें खुल गई। उसने फकीर से कहा - आप बैठिये, मै चलता हूँ।


सीख - ये दुनिया एक रैन बसेरा है इस सत्य को जान लेने से हम इस संसार में साक्षी हो कर कर्म करेंगे और एक सेवा भाव से कर्म करेंगे जो की एक सुंदर विधि है सुख शान्ति में रहने का। …
         

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