Monday, March 17, 2014

Hindi Motivational & Inspirational Stories - " बात का बतंगड़ "

बात का बतंगड़ 

             एक गॉव  ब्राह्मण रहता था जो पंडिताई करके अपना जैसा - तैसा भरण - पोषण करता था।  उसकी पत्नी बहुत भोली - भाली महिला थी जो कोई भी बात को बमुश्किल मन में छुपा पाती थी। एक दिन ब्राह्मण ने रोजी रोटी के लिए शहर जाने कि इच्छा जताई तो ब्राह्मणी ने हाँ में हाँ मिला दी और दूसरे दिन सुबह पत्नी ने भोजन आदि दे कर ब्राह्मण को विदा किया। 

            चलते - चलते कुछ समय के बाद एक छायादार जगह देख कर ब्राह्मण रुका , भोजन की पोटली खोली और जैसे ही रोटी का टुकड़ा मुहॅ में डाला, ऊपर से उड़ते हुए एक बगुले का पंख भोजन पर गिर गया।  उन्होंने मन में कहा - राम - राम, छी : छी , बड़ा अनर्थ हो गया, सारा भोजन अपवित्र हो गया, मै भी अशुद्ध हो गया, अब मुझे घर को लौटना होगा। ब्राह्मण घर की ऒर चल दिया। पति को घर आया देख पत्नी ने प्रश्नों की झड़ी लगा दी।  पंडितजी ने बहुत टालने की कोशिश की किन्तु बाह्मणी की ज़िद्द के आगे हार गए और उसने वचन लिया कि पत्नी ये बात किसी को नहीं बतायेगी। और ब्राह्मणी ने वायदा कर लिया। परन्तु अगले दिन जब वह कुँआ पर पानी भरने गई तो एक धोबिन ने बातों - बातों में सारा राज उससे उगलवा लिया।  और ब्राह्मणी ने बता दिया कि पंडितजी के भोजन में बगुले का पंख गिर गया था इसलिए वे वापस लौट आए थे, राम - राम, छी : छी , बड़ा अनर्थ हो गया। 

            धोबिन ने इस बात को बढ़ा चढ़ा कर प्रस्तुत करते हुए अपनी सहेली से कहा - क्या तूने सुना कि कल पंडितजी के मुख में एक बगुला घुस गया, गजब हो गया।  यह बात उसकी सहेली ने दूसरी सहेली से इस प्रकार कहा - बड़ा आश्चार्य! पंडितजी के मुँहा में तो बगुले आते और जाते है। बात बढ़ते - बढ़ते सारे गॉव में और आस - पास के गाँवो में भी फ़ैल गई कि पंडित जी बड़े करिश्माई है, उनके मुख से जादुई शक्ति से तरह - तरह के पक्षी निकलते है। 

            अब एक हुआ ऐसा की कई गाँवो के लोग इकट्ठे हुए और ग्राम पंचायत के सामने यह आग्रह रखा कि पंडित जी चमत्कार दिखाएँ। पंडित जी बड़े असमंजस में थे। वे समझ गए थे कि उनकी भोली पत्नी के मुख से फिसली बात को लोगों ने बतंगड़ बना लिया है पर अब करते भी क्या ? पंचायत में हाज़िर होना ही पड़ा।  उन्होंने पीछा छुड़ाने के लिए यह डर दिखाया कि जो भी मेरे मुख से निकलते पंख देखेगा, वह पक्षी बन जाएगा। यह सुनकर सभी के होश उड़ गए और सभी भाग खड़े हुए।  किसी - किसी ने यह भी कहना शुरू कर दिया कि पंडित जी मानव को पक्षी बनाने में माहिर है। 



सीख - किसी कि कही सुनी बातों पर विश्वास न करे अपना विवेक का इस्तेमाल करे और कोई भी बात हो उसे जैसा है वैसा बताव अगर नहीं आता तो उसे बड़ा चढ़ा कर नहीं बताय। वर्ना बात का बतंगड़ बन जायेगा। 

No comments:

Post a Comment