Saturday, November 30, 2013

" दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे " song



दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे
गजब भयो रामा, जुलम भयो रे

मोरा सुख चैन भी, जीवन भी मोरा छिन लिया
पापी संसार ने साजन भी मोरा छिन लिया
पिया बिन तड़पे जिया, रतिया बिताऊं कैसे
बिरहा की अगनी को असुवन से बुझाऊँ कैसे
जिया मोरा मुश्किल में पड़ गयो रे
गजब भयो रामा...

रात की आस गयी, दिन का सहारा भी गया
मोरा सूरज भी गया, मोरा सितारा भी गया
प्रीत कर के कभी प्रीतम से ना बिछड़े कोई
जैसी उज़डी हूँ मैं, ऐसे भी ना उजड़े कोई
बना खेल मोरा बिगड़ गयो रे
गजब भयो रामा...

जीते जी छोडूँगी सैय्या ना डगरीयाँ तोरी
बीत जाएगी यूँ ही सारी उमरीया मोरी
नैनों से होती रहेगी यूँ ही बरसात बलम
याद में रोती रहूंगी तेरी दिन-रात बलम
नगर मोरे मन का उजड़ गयो रे
गजब भयो रामा...




Movie/Album: गंगा जमुना (1961)
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: लता मंगेशकर

Friday, November 29, 2013

" कैसी है ये उदासी छाई "


कैसी है ये उदासी छाई, मेरे दिल
कैसी गहरी है ये तन्हाई, मेरे दिल
राहों में यादों की ख़ामोशी बरसे
आँखों में जो गम है, आंसू को तरसे
ये बता ये क्यूँ हुआ
बुझ गया, क्यूँ हर दिया

जो भी मिला, वो खो गया
तुझको पता है ऐसा ही सदा होता है
जाना ही था वो जो गया,
दिल तू अकेला ऐसे क्यूँ भला रोता है
भूले जो हैं तुझको अब उनको भूल जा तू भी
वरना मेरे साथ यादों के ज़ख्म खा तू भी
मान जा, ऐ दिल मेरे
भूल जा, शिकवे गिले
कैसी...

तू ही बता ऐ दिल मेरे
मैंने तो हमेशा तेरा ही कहा मना है
क्यूँ है मुझे ये गम घेरे
मुझे उम्र भर क्या बस यही सज़ा पाना है
सपने बोये मैंने और दर्द मैंने है काटे
गाये गीत मैंने और पाए मैंने सन्नाटे
आरज़ू नाकाम है
सूनी सी हर शाम है
कैसी...




Movie/Album: कार्तिक कॉलिंग कार्तिक (2010)
Music By: शंकर, एहसान, लॉय
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: कैलाश खेर, सुकन्या पुरयास्था

Thursday, November 28, 2013

" भागो नहीं रुको "

 
भागो नहीं रुको
देखो ज़रा तुम्हारे पास जो है
सुंदर आँखे  जहान को देख ने के लिए
सुंदर पैर चलने के लिए
सुंदर मुख बोलने के लिए
सुंदर कान आवाज़ सुनने के लिए
सुंदर मन सोचने के लिए
सुंदर बुद्धि सही निर्णय के लिए
सुंदर हाथ कार्य करने के लिए
सुंदर ये पूरा शारीर रुपी काया
सुंदर आत्मा शारीर को चलने के लिए
सुंदर ये दुनिया जिस में
सुंदर खुदरत पेड़ पौदे हरियाली
सुंदर पशु पंछी हवा पानी
सुंदर साथी दोस्त परिवार
सुंदर और भी है इस जहान में
समय निकल कर कभी देखो इस तरफ
कि ईश्वर ने मुफ्त में तुम्हे क्या क्या दिया है
और शयद तुम इस में से एक भी चीज का
निर्माण नहीं कर पाएंगे कभी
ये तो अद्बुत है ईश्वर की ये देन
भागो नहीं रुको
देखो ज़रा तुम्हारे पास जो है 

 

Sunday, November 24, 2013

क़स्मे वादे निभाएंगे हम ( Lyrics & Song )






क़स्मे वादे निभाएंगे हम
मिलते रहेंगे जनम-जनम
देखा मैंने तुझको तो मुझे ऐसा लगा
बरसों का सोया हुआ प्यार मेरा जगा
तू है दीया, मैं हूँ बाती
आजा मेरे जीवन-साथी
क़स्मे वादे निभाएँगे...

चेहरों से हों अन्जाने हम
दिल तो दिल को पहचाने
कभी प्यार नहीं मरता है
पागल प्रेमी ही जाने
आ जाती है लब पे ख़ुद ही
भूली-बिसरी बात
क़स्मे वादे निभाएँगे...

तू है मेरे जीने का सहारा
सदियों पुराना है साथ हमारा
तू है दीया...

जिस दिल में प्यार बसा है
वो दिल भगवान की मूरत
ये मूरत कभी न बदले
बदले इन्सान की सूरत
दिल के बंधन इतने सच्चे
जितने ये दिन रात
क़स्मे वादे निभाएँगे...



 Movie/Album: कसमे वादे (1978)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: गुलशन बावरा
Performed By: किशोर कुमार, लता मंगेशकर


Wednesday, November 20, 2013

" आपको देख कर देखता रह गया " Gazal I Like The Most.

आपको देख कर देखता रह गया
आपको देख कर देखता रह गया
क्या कहूँ और कहेने को क्या रह गया
आपको देख कर देखता रह गया

आते आते मेरा नाम सा रह गया
आते आते मेरा नाम सा रह गया-2
उनके होठो से कुछ कापता  रह गया

वो मेरे सामने से गया -2
रास्ते की तरह में देखता रह गया - 2

झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये - 4
 और में था की सच बोलता रह गया -2
उनके होठो से कुछ कापता रह गया
आपको देख कर देखता रह गया
आपको देख कर देखता रह गया

उनकी आँखों में कैसे छलकने लगा- 2

मेरे हाथो जो माजरा रह गया
मेरे हाथो जो माजरा रह गया

आपको देख कर देखता रह गया

ऐसे बिछड़े सभी रात के मोड़ पेर- 2

आखरी हमसफ़र रास्ता रह गया
आखरी हमसफ़र रास्ता रह गया

आपको देख कर देखता रह गया

सोच कर आये हुए तामाना यही- 2
जानेमान जो यहाँ रह गया रह गया
जानेमान जो यहाँ रह गया रह गया
आपको देख कर देखता रह गया





                                                               Live Dastaan e ghazal 
                                                                      Jagjit Singh

Tuesday, November 19, 2013

" उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िन्दगी "

कही बार हम जिस तरह से जीवन जीते है उसे  अच्छा करने के लिए हम नए नए रिस्ते जोड़ते और मेहनत भी करने  लगते है पर कुछ इस तरह हम उस जंजाल में फ़स जाते है ना वो काम पूरा होता है और ना ही हम उसे छोड़ पाते और फिर हमें वाही पुरानी अपनी ज़िंदगानी याद आ जाती है लेकिन अब वो रिस्ता टूट चूका होता है 
और हम उसे पुनः जोड़ने कि कोशिश नहीं कर पाते और जोड़ कि उमीद करते है तो तब कुछ इस तरह कि गीत  के अल्फ़ाज याद आते है जैसे। ……

उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िन्दगी
हर शय जहाँ हसीन थी, हम तुम थे अजनबी

लेकर चले थे हम जिन्हें जन्नत के ख़्वाब थे
फूलों के ख़्वाब थे वो मुहब्बत के ख़्वाब थे
लेकिन कहाँ है इनमें वो, पहली सी दिलकशी
उस मोड़ से शुरू...

रहते थे हम हसीन ख़यालों की भीड़ में
उलझे हुए हैं आज सवालों की भीड़ में
आने लगी है याद वो फ़ुर्सत की हर घड़ी
उस मोड़ से शुरू...

शायद ये वक़्त हमसे कोई चाल चल गया
रिश्ता वफ़ा का और ही रंगो में ढल गया
अश्कों की चाँदनी से थी बेहतर वो धूप ही
उस मोड़ से शुरू...
                                                          




Music By: जगजीत सिंह
 Movie/Album: द लेटेस्ट (1982)
Lyrics By: सुदर्शन फ़ाकिर
Performed By: जगजीत सिंह, चित्रा सिंह

Monday, November 18, 2013

" माँ, मेरी माँ " The song i like the most.

                                         


माँ, मेरी माँ
प्यारी माँ, मम्मा

हाथों की लकीरे बदल जायेंगी
गम की ये जंजीरे पिघल जायेंगी
हो खुदा पे भी असर
तू दुआओं का है घर
मेरी माँ, मम्मा

बिगड़ी किस्मत भी संवर जायेगी
जिन्दगी तराने खुशी के गायेगी
तेरे होते किसका डर
तू दुआओं का है घर
मेरी माँ, प्यारी माँ, मम्मा...

यूं तो मैं सबसे न्यारा हूँ
(पर) तेरा माँ मैं दुलारा हूँ
दुनियाँ में जीने से ज्यादा
उलझन है माँ
तू है अमर का जहां
तू गुस्सा करती है
बड़ा अच्छा लगता है
तू कान पकड़ती है
बड़ी जोर से लगता है
मेरी माँ
मेरी माँ, प्यारी माँ, मम्मा
हाथों की लकीरें...

 Movie/Album: दसविदानियां (2008)
Music By: कैलाश खेर, परेश, नरेश
Lyrics By: कैलाश खेर
Performed By: कैलाश खेर


Sunday, November 17, 2013

" Health tips on Skin Disease "

बहुत सारे लोग आज चमड़ी कि बीमारी से परेशान रहते है सब से बड़ा कारण इस बीमारी का ये है कि इस में
ट्रिटमेंट ज्यादा समय तक चलता है जिस कि वजह से लोग परेशान होते है और अगर समय पर इलाज नहीं करेंगे तो ये रोग बढ़ता जाता है। …

 

 
आज हम बता रहे है चमड़ी पर पैरो में या हाथ में कही भी काले दब्बे या लाल हो जाना और कुजली होना या फिर खुजलाने से लाल लाल दाने होना आदि के लिए एक सिंपल तरीका है
चिरैता और  क्रुट्टि ये १०० ग्राम लेकर रोज एक गिलास पानी में दोनों ४ ४ ग्राम रात को काच कि गिलास में बिगोधे  और सुबह उस पानी को काली पेट पि ले एक हफ्ते में आपको रिजल्ट मिलेगा और ज्यादा है तो एक महीने तक पिए इस से आपको काफी लाभ मिलेगा
                                              
                                                                      डॉ.  संजय कुमार  - (जलंदर )

Saturday, November 16, 2013

बलिदान


दोस्ती और  इंसानियत का एक अनोखा उदहारण, " खुद के बलिदान से औरो का जीवन बचाना " 

 इस विडियो को देखकर आपको क्या समझ में आता है वो जरुर लिखे कमेंट्स में 


                           इंतज़ार है। .... आपके जवाब का ....

Wednesday, November 13, 2013

" एक ख़मोशी के साथ देखे तो ज़िन्दगी "

                                           
                       

एक ख़मोशी के साथ देखे तो ज़िन्दगी
हमको हर पल हर वक्त कुछ न कुछ सिखाती है
हमारे पास सब कुछ होते हुवे भी
हम सदा खुश नहीं रहते
और कुछ ऐसे भी लोग है
शारीर के मुक्य अंग नहीं होने
के बौजूत खुश रहते है और ख़ुशी बाटते है
एक ख़मोशी के साथ देखे तो ज़िन्दगी
हमको हर पल हर वक्त कुछ न कुछ सिखाती है
वक्त के साथ कभी कभी हम
जीना भी सिख जाते है
छोटी छोटी खुशियाँ हमारे साथ होती है
लेकिन अचानक बड़ी ख़ुशी पाने के
कायल से छोटी छोटी खुशियो से दूर हो जाते है
और बड़ी खुशियो की बात में बाते बड़ी हो जाती है
एक ख़मोशी के साथ देखे तो ज़िन्दगी
हमको हर पल हर वक्त कुछ न कुछ सिखाती है
में सोचता हु ख़ुशी बड़ी हो या छोटी हो
बात बड़ी हो या छोटी हो
हमको तो हर पल खुश रहना है
चाहे हम जग रहे है या हम सो रहे हो
तो भी सपना खुशियो का हो
अगर हम खुश नहीं है तो भी ख़ुशी की एक्टिंग करे
और एक्टिंग करते करते खुश रहने कि आदत हो जय
एक ख़मोशी के साथ देखे तो ज़िन्दगी
हमको हर पल हर वक्त कुछ न कुछ सिखाती है

               

रमेश

Tuesday, November 12, 2013

"कभी अपने देखा सूरज को ढालते "




कभी अपने देखा सूरज को ढालते
कभी अपने देखा सूरज को उगते
अगर आप गौर से देखेंगे तो
शयद एक बात है इस चित्र में
गुड इवनिंग के बजाय गुड मॉर्निंग
लिखते तो शयद आपको वो भी सही लगता
कभी अपने देखा सूरज को ढालते
कभी अपने देखा सूरज को उगते

बड़ी अजीब सी बात है
सूरज ना उगता है ना डलता है
लोग उगते (उठाते ) है लोग सो (डालते ) जाते है
सूरज न उगा है न डूबा है वो तो सदा प्रकाशित है
अब कि बार सूरज को देखो तो
साथ साथ अपने जमीन को देखो
सत्या का परिचय मिल जायेगा
कभी अपने देखा सूरज को ढालते
कभी अपने देखा सूरज को उगते
सूरज ना आया है ना जायेगा
आदमी इस संसार में आता है
और आदमी इस संसार से जाता है
कभी अपने देखा सूरज को ढालते
कभी अपने देखा सूरज को उगते 
 
 
रमेश 
 

Monday, November 11, 2013

" मोहबत की क्या बात कहे हम "


मोहबत की क्या बात कहे हम
श्याम कहे समुंदर कहे या सुंदर
लोगो की बात कुछ और है और हमारी कुछ और है
एक तस्वीर मेरे सामने
जैसे श्याम डल रहा हो
एक तस्वीर मेरे सामने
जैसे समुंदर से पानी जा मिल रहा हो
एक तस्वीर मेरे सामने
जैसे सुंदर दूसरा ना कोई है
मोहबत की क्या बात कहे हम
श्याम कहे समुंदर कहे या सुंदर
मोहबत की बात लोग जब भी बात करते है
श्याम का ही वक्त लगता है सुहाना
समुंदर सी गहराई उसमे शयद कोई नाप सके
सुंदर इतना की उसके आगे हर चीज फीका
मोहबत की क्या बात कहे हम
श्याम कहे समुंदर कहे या सुंदर

 



Sunday, November 10, 2013

Ayurvedic tips for Diabetes

                  


डायबिटिक - मधुमेह - के लिए एक सिम्पल विधि है कि आपको पहले अपना शुगर लेवल चेक करना है और नोट करले उसके बाद रोज रात को एक गिलास दूध में एक साबुद हरी मिर्च डालकर तीन मिनट उबले और उस दूध को हल्का गुनगुना होने पर पी जय ये नुस्खा १५ से ३० दिन तक प्रयोग करे आपको १५दिन के बाद अपना शुगर लेवल चेक कर ले तो बहुत लाभ मिलेगा। … डॉ  संजय (जालंधर)
शुगर लेवल और नींद कि सिकायत दूर हो जायेगा। …

Friday, November 8, 2013

" कुलदीपक "

" कुलदीपक "
कुछ सालो कि ही ये बात है एक बहुत ही माद्यम वर्ग का परिवार था सोहन सिंह और उनकी पत्नी सोनी सिंह 
सोहन सिंह एक क्लर्क का काम करते थे और पत्नी घर संभालती थी खुशाल परिवार था उनका एक लड़का दीपक नाम का पाचवी कक्षा में पढता था सब कुशलमंगल चल रहा था। … और एक दिन सोहन सिंह को फ़ोन आता है स्कूल से कि आपका लड़का सिगरेट पीते हुवे पकड़ा गया है ये आपके लिए आखरी सलाह है अगर इस के बाद आपका लड़का सिगरेट पीते हुवे दिखायी दिया तो उसे स्कूल से निकाल दिया जायेगा। . 
बस फिर क्या था सोहन सिंह को एक जोर का ज़टका लगा, और दीपक के घर आते ही सोहन सिंह लड़के से पूछ लिया कि 'दीपक क्या तुम स्कूल से सिगरट पिटे हो ?. दीपक धीमे आवाज़ में बोलता है "नहीं पापा "
सोहन सिंह दीपक से प्यार बहुत करते है पर उसका लड़का इस तरह कि हरकत करे ये उसे बिलकुल पसंद नहीं था सो सोहन सिंह ने लड़के को कहा "देखो दीपक अगर ये सच है तो आज के बाद कभी नहीं पीना और अगर फिर से मेरे पास तेरी सिकायत आयी तो समझ लेना मुझ से बुरा कोई नहीं समझे " दीपक " जी पापा "
दीपक पर अपने पिताश्री कि बात का असर कुछ दिनों तक रहा पर कुछ महीनो बाद वह फिर अपने दोस्तों के संग में आ गया और सिगरेट का आधी हो गया और अब वो देर रात तक अपने दोस्तों साथ रहने लगा। . 
पहले दोस्तों ने पिलायी और अब दोस्तों ने कहा दीपक को अब तुम कभी पिलाया करो। . दीपक जनता था उसके पास पैसे नहीं है और घर से भी नहीं मिलेंगे सो एक दिन दोस्तों के कहने पर वो घर से पैसे चुराकर ले जाता है और दोस्तों के साथ मिलकर नशे में पुरे पैसे उड़ा देता है और ये बात पिताश्री को मालूम हो जाती है 
अब दीपक के पिता दीपक का इंतज़ार में है उस दिन दीपक बहुत देर रात को घर आता है दीपक कि हालत देख सोहन सिंह बहुत क्रोधित हो जाते है और दीपक को बहुत पीटते है और उस का असर सोहन सिंह पर ऐसा होता है कि सोहन सिंह दिल के मरीज हो जाते है और अपने इकलौते बच्चे कि ये दशा देख उन्हें गहरा सदमा लगता है और कुछ दिनों में वो हॉस्पिटल में रहते इलाज चलते ही उनका दम निकल जाता है और दीपक अकेला हो जाता है अब उसके घर में पैसो कि कमी और घर में माँ अकेली क्या करती , दीपक पिता के मौत के बाद मायूस रहता और  नशा का अदात  के कारन वो अब दोस्तों के साथ मिलकर चोरी करना सिख लिया था और वो चोरी के पैसे से अपना नाश करता और एक दिन अचानक पुलिस आकर दीपक को ले जाती है ये बात जब माँ को मालूम होता है तो माँ अपने घर के सामान और गेहने बेचकर दीपक को छुड़ा लती है । अब सब कुछ 
ख़त्म हुवा और माँ दीपक को कहती है "अब मेरे पास कुछ भी नहीं है मेरे पास जो कुछ था वो सब मैंने तेरे लिए लगा दिया दीपक बेटे अब तो तू अच्छा बनेगा ना तू मेरा राजा बेटा है तुम इस कुल के दीपक हो बेटे। मुझे पूरा विश्वास है तुम एक दिन बहुत अच्छे बन जायोगे।" . माँ कि बात सुनकर दीपक के आखो में असू आ गए और वो माँ के सीने से लग जाता है और मन ही मन प्रतिज्ञा करता है आज से एक अच्छा इंसान बनाने का … और माँ से कहता है माँ आज से तू जैसा चाहती है वैसे ही करूँगा, माँ मुझे माफ़ कर दे। .... 
सार - दोस्तों ये कहानी हमें बताती है कि नशा चाहे कोई भी हो वह हमें बर्बाद कर देती है इस लिए समय रहते ही इस से बचना है जब सब कुछ लूट जाता है और उस के बाद हम छोड़ दे तो कोई बड़ी बात नहि…

Tuesday, November 5, 2013

Carrier Expert Advice _B.P.O_ Call Centre.

कॉल सेंटर में एक अच्छा जॉब हो सकता है जिनको थोडा बोलने कि कला है खास फ़ोन पर।
और कंप्यूटर ऑपरेटिंग आता है और अगर नए से सुरु करना चाहते तो कॉल सेंटर ट्रेनिंग प्रोग्राम का फ्री कोर्स
भी है आप सिख कर ज्वाइन कर सकते। .

एक और बात है यहाँ आप अच्छे कमा सकते है और बहुत जल्दी आपको प्रमोशन मिलता है और इस के अलावा और भी बहुत कुछ जैसे टेक्निकल जॉब्स भी है और साथ साथ हेल्पर , इलेक्टिकल, टेलीफोन जैसे बहुत सरे जॉब्स है जिस में आप काम कर सकते है।

अधिक जानकारी के लिए आप ऑडियो जरुर सुने।

Sunday, November 3, 2013

एक दिपक रातभर जलता रहा - (The Poem i like the most...)


 एक दिपक रातभर जलता रहा

                                                            
             
जूझ कर कठिनाइयों से
कर सुलह परछाइयों से
एक दीपक रातभर जलता रहा

लाख बारिश आँधियों ने सत्य तोड़े
वक्त ने कितने दिए पटके झिंझोड़े
रौशनी की आस पर
टूटी नहीं
आस्था की डोर भी
छूटी नहीं

आत्मा में डूब कर के
चेतना अभिभूत कर के
साधना के मंत्र को जपता रहा
एक दीपक
रातभर जलता रहा

जगमगाहट ने बुलाया पर न बोला
झूठ से उसने कोई भी सच न तौला
वह सितारे देख कर
खोया नहीं
दूसरों के भाग्य पर
रोया नहीं

दिन महीने साल निर्मम
कर सतत अपना परिश्रम
विजय के इतिहास को रचता रहा
एक दीपक
रातभर जलता रहा

हैप्पी दिवाली। ....



Saturday, November 2, 2013

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिले - ग़ज़ल

मेहंदी हसान का लोकप्रिय ग़ज़ल। ....

 

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिले
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिले

ढूंड उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है खरबों में मिले

तू खुदा है ना मेरा इश्क़ फरिश्तों जैसा
दोनो इंसान हैं तो इनूं इतने हिजाबों में मिले

घाम-ए-दुनिया भी घाम-ए-यार में शामिल कर लो
नशा बहता है शराबों में तो शरबों में मिले

अब लबों में हूँ ना तू है ना वो माजी है फराक़
जैसे दो साए तमाना के सराबों में मिले

Friday, November 1, 2013

हैप्पी दिवाली ..... Happy Diwali


हर साल दिवाली आती है
इस साल कुछ खास है दिवाली
खास लोगो के लिए जैसे कि आप
हर साल दिवाली आती है
कुछ नयी तस्वीर लेकर
इस साल एक तस्वीर आया है
जानते हो वो किस का है
चलो बता ही देते है
वो तस्वीर है। …………
बाप ( ईश्वर )और आप का
तो हुवे न आप भी खास
हर साल दिवाली आती है
इस साल कुछ खास है दिवाली
खास लोगो के लिए जैसे कि आप
दिवाली और नूतन वर्ष कि आप सब को 
हार्दिक शुभ कामनाएं 
हैप्पी दिवाली हैप्पी दिवाली