Thursday, November 28, 2013

" भागो नहीं रुको "

 
भागो नहीं रुको
देखो ज़रा तुम्हारे पास जो है
सुंदर आँखे  जहान को देख ने के लिए
सुंदर पैर चलने के लिए
सुंदर मुख बोलने के लिए
सुंदर कान आवाज़ सुनने के लिए
सुंदर मन सोचने के लिए
सुंदर बुद्धि सही निर्णय के लिए
सुंदर हाथ कार्य करने के लिए
सुंदर ये पूरा शारीर रुपी काया
सुंदर आत्मा शारीर को चलने के लिए
सुंदर ये दुनिया जिस में
सुंदर खुदरत पेड़ पौदे हरियाली
सुंदर पशु पंछी हवा पानी
सुंदर साथी दोस्त परिवार
सुंदर और भी है इस जहान में
समय निकल कर कभी देखो इस तरफ
कि ईश्वर ने मुफ्त में तुम्हे क्या क्या दिया है
और शयद तुम इस में से एक भी चीज का
निर्माण नहीं कर पाएंगे कभी
ये तो अद्बुत है ईश्वर की ये देन
भागो नहीं रुको
देखो ज़रा तुम्हारे पास जो है 

 

Sunday, November 24, 2013

क़स्मे वादे निभाएंगे हम ( Lyrics & Song )






क़स्मे वादे निभाएंगे हम
मिलते रहेंगे जनम-जनम
देखा मैंने तुझको तो मुझे ऐसा लगा
बरसों का सोया हुआ प्यार मेरा जगा
तू है दीया, मैं हूँ बाती
आजा मेरे जीवन-साथी
क़स्मे वादे निभाएँगे...

चेहरों से हों अन्जाने हम
दिल तो दिल को पहचाने
कभी प्यार नहीं मरता है
पागल प्रेमी ही जाने
आ जाती है लब पे ख़ुद ही
भूली-बिसरी बात
क़स्मे वादे निभाएँगे...

तू है मेरे जीने का सहारा
सदियों पुराना है साथ हमारा
तू है दीया...

जिस दिल में प्यार बसा है
वो दिल भगवान की मूरत
ये मूरत कभी न बदले
बदले इन्सान की सूरत
दिल के बंधन इतने सच्चे
जितने ये दिन रात
क़स्मे वादे निभाएँगे...



 Movie/Album: कसमे वादे (1978)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: गुलशन बावरा
Performed By: किशोर कुमार, लता मंगेशकर


Wednesday, November 20, 2013

" आपको देख कर देखता रह गया " Gazal I Like The Most.

आपको देख कर देखता रह गया
आपको देख कर देखता रह गया
क्या कहूँ और कहेने को क्या रह गया
आपको देख कर देखता रह गया

आते आते मेरा नाम सा रह गया
आते आते मेरा नाम सा रह गया-2
उनके होठो से कुछ कापता  रह गया

वो मेरे सामने से गया -2
रास्ते की तरह में देखता रह गया - 2

झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये - 4
 और में था की सच बोलता रह गया -2
उनके होठो से कुछ कापता रह गया
आपको देख कर देखता रह गया
आपको देख कर देखता रह गया

उनकी आँखों में कैसे छलकने लगा- 2

मेरे हाथो जो माजरा रह गया
मेरे हाथो जो माजरा रह गया

आपको देख कर देखता रह गया

ऐसे बिछड़े सभी रात के मोड़ पेर- 2

आखरी हमसफ़र रास्ता रह गया
आखरी हमसफ़र रास्ता रह गया

आपको देख कर देखता रह गया

सोच कर आये हुए तामाना यही- 2
जानेमान जो यहाँ रह गया रह गया
जानेमान जो यहाँ रह गया रह गया
आपको देख कर देखता रह गया





                                                               Live Dastaan e ghazal 
                                                                      Jagjit Singh

Tuesday, November 19, 2013

" उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िन्दगी "

कही बार हम जिस तरह से जीवन जीते है उसे  अच्छा करने के लिए हम नए नए रिस्ते जोड़ते और मेहनत भी करने  लगते है पर कुछ इस तरह हम उस जंजाल में फ़स जाते है ना वो काम पूरा होता है और ना ही हम उसे छोड़ पाते और फिर हमें वाही पुरानी अपनी ज़िंदगानी याद आ जाती है लेकिन अब वो रिस्ता टूट चूका होता है 
और हम उसे पुनः जोड़ने कि कोशिश नहीं कर पाते और जोड़ कि उमीद करते है तो तब कुछ इस तरह कि गीत  के अल्फ़ाज याद आते है जैसे। ……

उस मोड़ से शुरू करें फिर ये ज़िन्दगी
हर शय जहाँ हसीन थी, हम तुम थे अजनबी

लेकर चले थे हम जिन्हें जन्नत के ख़्वाब थे
फूलों के ख़्वाब थे वो मुहब्बत के ख़्वाब थे
लेकिन कहाँ है इनमें वो, पहली सी दिलकशी
उस मोड़ से शुरू...

रहते थे हम हसीन ख़यालों की भीड़ में
उलझे हुए हैं आज सवालों की भीड़ में
आने लगी है याद वो फ़ुर्सत की हर घड़ी
उस मोड़ से शुरू...

शायद ये वक़्त हमसे कोई चाल चल गया
रिश्ता वफ़ा का और ही रंगो में ढल गया
अश्कों की चाँदनी से थी बेहतर वो धूप ही
उस मोड़ से शुरू...
                                                          




Music By: जगजीत सिंह
 Movie/Album: द लेटेस्ट (1982)
Lyrics By: सुदर्शन फ़ाकिर
Performed By: जगजीत सिंह, चित्रा सिंह

Monday, November 18, 2013

" माँ, मेरी माँ " The song i like the most.

                                         


माँ, मेरी माँ
प्यारी माँ, मम्मा

हाथों की लकीरे बदल जायेंगी
गम की ये जंजीरे पिघल जायेंगी
हो खुदा पे भी असर
तू दुआओं का है घर
मेरी माँ, मम्मा

बिगड़ी किस्मत भी संवर जायेगी
जिन्दगी तराने खुशी के गायेगी
तेरे होते किसका डर
तू दुआओं का है घर
मेरी माँ, प्यारी माँ, मम्मा...

यूं तो मैं सबसे न्यारा हूँ
(पर) तेरा माँ मैं दुलारा हूँ
दुनियाँ में जीने से ज्यादा
उलझन है माँ
तू है अमर का जहां
तू गुस्सा करती है
बड़ा अच्छा लगता है
तू कान पकड़ती है
बड़ी जोर से लगता है
मेरी माँ
मेरी माँ, प्यारी माँ, मम्मा
हाथों की लकीरें...

 Movie/Album: दसविदानियां (2008)
Music By: कैलाश खेर, परेश, नरेश
Lyrics By: कैलाश खेर
Performed By: कैलाश खेर


Sunday, November 17, 2013

" Health tips on Skin Disease "

बहुत सारे लोग आज चमड़ी कि बीमारी से परेशान रहते है सब से बड़ा कारण इस बीमारी का ये है कि इस में
ट्रिटमेंट ज्यादा समय तक चलता है जिस कि वजह से लोग परेशान होते है और अगर समय पर इलाज नहीं करेंगे तो ये रोग बढ़ता जाता है। …

 

 
आज हम बता रहे है चमड़ी पर पैरो में या हाथ में कही भी काले दब्बे या लाल हो जाना और कुजली होना या फिर खुजलाने से लाल लाल दाने होना आदि के लिए एक सिंपल तरीका है
चिरैता और  क्रुट्टि ये १०० ग्राम लेकर रोज एक गिलास पानी में दोनों ४ ४ ग्राम रात को काच कि गिलास में बिगोधे  और सुबह उस पानी को काली पेट पि ले एक हफ्ते में आपको रिजल्ट मिलेगा और ज्यादा है तो एक महीने तक पिए इस से आपको काफी लाभ मिलेगा
                                              
                                                                      डॉ.  संजय कुमार  - (जलंदर )

Saturday, November 16, 2013

बलिदान


दोस्ती और  इंसानियत का एक अनोखा उदहारण, " खुद के बलिदान से औरो का जीवन बचाना " 

 इस विडियो को देखकर आपको क्या समझ में आता है वो जरुर लिखे कमेंट्स में 


                           इंतज़ार है। .... आपके जवाब का ....