Monday, December 16, 2013

" नाम मान शान क्या करनी........"

                    

नाम मान शान क्या करनी........
बाबा तेरे प्यार का सहारा काफ़ी है
ये महल अलमारी नहीं चहिये
तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है
नाम मान शान क्या करनी.....

मेरे बाबा मुझे तेरी क़सम
मेरा प्यार भी तू, ईमान भी तू
तेरे दम से है मेरा दम
ज्ञान भी तू, ध्यान  भी तू
ऐसा वैसा क्या करना मुझे
मुझे तेरा नज़ारा काफ़ी है
नाम मान शान क्या करनी.....

प्यार मुहब्बत से दुनिया में
कुछ बढ़कर होता भी नहीं
ये बात तूने मुझे सिखाई
प्यार बिना तेरे, कुछ होता नहीं
ऐशो आराम नहीं चहिये मुझे
तेरे याद का सहारा काफ़ी है
नाम मान शान क्या करनी.....



रमेश 

Friday, December 13, 2013

चलो चले एक नयी दुनिया देखे Part-2


                                                                                

चलो चले एक नयी दुनिया देखे 
                   विचार कल्पना का कोई सीमा नहीं है आपके अंदर कितनी रचनात्मक शक्ति है
               शयद आपको ही पता नहीं है और पता करने कि जरुरत नहीं बस उसका सही तरीके
              से इस्तेमाल करना है। कभी कोशिश करके देखिये। …

Friday, December 6, 2013

" चलो चले एक नयी दुनिया देखे "


किताबों में लिखे ज्ञान का अगर हकीकत में तब्दील हो जय तो फिर बात ही क्या ? ऐसा ही एक लेखक कि किताबो को हकीकत में रूपांतरण का दर्शन इस फ़िल्म में दिखाया गया है। आपको देखने में बड़ा आनंद
आयेगा। आपको ख़ुशी मिले येही हम चाहते है   ....

Thursday, December 5, 2013

" मैडिटेशन "



आज मैडिटेशन जीवन में शांति बनाये रखने के लिए एक जरुरत बन गया है 
आम आदमी को कही बार ये समझ में नहीं आता  ध्यान या मैडिटेशन कैसे करे 
क्यू कि ध्यान योग मैडिटेशन इन सब शब्दो से लोग परिचित जरुर है पर उसको 
लाइफ स्टाइल से कैसे जोड़े या कैसे सुरु करे बहुत सी बाते सामने आती है कभी कभी 
लगता ये भी है कि कब तक कितने समय तक करना है? 
ऐसे बहुत से सवाल हमारे मन में आते रहते है और हम बहुत बार देखा है कि इन 
सब को करने कि इच्छा मन तो आती है पर बहुत बार हम टाल देते है आज नहीं कल 
करते रहते है। … इस के लिए कहते है.. " जब जगे तब सबेरा " 
मेरे हिसाब से जब आपके मन में ये विचार आता है तो वाही सही समय है और उसी 
समय से सुरु करे। .... 
हर रोज थोडा समय दे और फिर धीरे धीरे बढ़ाते जय और में तो ये कहूंगा इस के लिए आप 
जहा से भी हो ज्ञान जरुर सुने और फिर अपने मन से बुद्धि से उस पर विचार भी करे 
जितना ज्यादा आप सुनेंगे उतना आपको अभ्यास करने में सहज होगा। 
और ये विडियो भी आपको बहुत मदत करेगा आराम से बैठकर देखे और प्रैक्टिस सुरु करे।
 
 

 

Monday, December 2, 2013

" वो रात के मुसाफिर अब सुबह हुयी है "

 
 
वो रात के मुसाफिर अब सुबह हुयी है
देख ज़रा नज़ारे उठाकर कोई आया है
अब छोड़ भी दे ये जमीन
तेरे लिए कोई नया असामा लेकर आया है
वो रात के मुसाफिर अब सुबह हुयी है
अब नहीं करो तुम तनीक भी देरी
समय है ये बड़ा अनमोल
पल में बदल जायेगी तेरी तक़दीर
वो रात के मुसाफिर अब सुबह हुयी है
छोड़ आलस अलबेलापन
ये तेरे है सब से बड़े दुशमन
जिस ने छीना है तेरा सुख चैन
वो रात के मुसाफिर अब सुबह हुयी है
हटा दे तू आज सारे मन के भ्रम
चल अब चल तेरे इंतज़ार में है कोई
फिर नहीं मिलेगा ऐसी सौगात
वक्त कि आवाज़ येही है अब नहीं तो कब नहीं
वो रात के मुसाफिर अब सुबह हुयी है
वो रात के मुसाफिर अब सुबह हुयी है

Saturday, November 30, 2013

" दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे " song



दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे
गजब भयो रामा, जुलम भयो रे

मोरा सुख चैन भी, जीवन भी मोरा छिन लिया
पापी संसार ने साजन भी मोरा छिन लिया
पिया बिन तड़पे जिया, रतिया बिताऊं कैसे
बिरहा की अगनी को असुवन से बुझाऊँ कैसे
जिया मोरा मुश्किल में पड़ गयो रे
गजब भयो रामा...

रात की आस गयी, दिन का सहारा भी गया
मोरा सूरज भी गया, मोरा सितारा भी गया
प्रीत कर के कभी प्रीतम से ना बिछड़े कोई
जैसी उज़डी हूँ मैं, ऐसे भी ना उजड़े कोई
बना खेल मोरा बिगड़ गयो रे
गजब भयो रामा...

जीते जी छोडूँगी सैय्या ना डगरीयाँ तोरी
बीत जाएगी यूँ ही सारी उमरीया मोरी
नैनों से होती रहेगी यूँ ही बरसात बलम
याद में रोती रहूंगी तेरी दिन-रात बलम
नगर मोरे मन का उजड़ गयो रे
गजब भयो रामा...




Movie/Album: गंगा जमुना (1961)
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: लता मंगेशकर

Friday, November 29, 2013

" कैसी है ये उदासी छाई "


कैसी है ये उदासी छाई, मेरे दिल
कैसी गहरी है ये तन्हाई, मेरे दिल
राहों में यादों की ख़ामोशी बरसे
आँखों में जो गम है, आंसू को तरसे
ये बता ये क्यूँ हुआ
बुझ गया, क्यूँ हर दिया

जो भी मिला, वो खो गया
तुझको पता है ऐसा ही सदा होता है
जाना ही था वो जो गया,
दिल तू अकेला ऐसे क्यूँ भला रोता है
भूले जो हैं तुझको अब उनको भूल जा तू भी
वरना मेरे साथ यादों के ज़ख्म खा तू भी
मान जा, ऐ दिल मेरे
भूल जा, शिकवे गिले
कैसी...

तू ही बता ऐ दिल मेरे
मैंने तो हमेशा तेरा ही कहा मना है
क्यूँ है मुझे ये गम घेरे
मुझे उम्र भर क्या बस यही सज़ा पाना है
सपने बोये मैंने और दर्द मैंने है काटे
गाये गीत मैंने और पाए मैंने सन्नाटे
आरज़ू नाकाम है
सूनी सी हर शाम है
कैसी...




Movie/Album: कार्तिक कॉलिंग कार्तिक (2010)
Music By: शंकर, एहसान, लॉय
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: कैलाश खेर, सुकन्या पुरयास्था