Thursday, January 23, 2014

A Interview with S.P. Sonkusale (Nabard DDM)




 शिवरामन समिति (शिवरामन कमिटी) की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम 1981 को लागू करने के लिए संसद के एक अधिनियम के द्वारा 12 जुलाई 1982,
को नाबार्ड की स्थापना की गयी. इसने कृषि ऋण विभाग (एसीडी (ACD) एवं भारतीय रिजर्व बैंक के ग्रामीण योजना और ऋण प्रकोष्ठ (रुरल प्लानिंग एंड क्रेडिट सेल) (आरपीसीसी (RPCC))
तथा कृषि पुनर्वित्त और विकास निगम (एआरडीसी (ARCD)) को प्रतिस्थापित कर अपनी जगह बनाई. यह ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख एजेंसियों में से एक है.
 
कृषि, लघु उद्योग, कुटीर एवं ग्रामीण उद्योग, हस्तशिल्प और अन्य ग्रामीण शिल्पों के उन्नयन और विकास के लिए ऋण-प्रवाह सुविधाजनक बनाने के अधिदेश के साथ नाबार्ड 12 जुलाई 1982 को एक शीर्ष विकासात्मक बैंक के रूप में स्थापित किया गया था. उसे ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य संबंधित क्रियाकलापों को सहायता प्रदान करने, एकीकृत और सतत ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि सुनिश्चित करने का भी अधिदेश प्राप्त है.


नाबार्ड को इसके 'एसएचजी (SHG) बैंक लिंकेज कार्यक्रम' के लिए भी जाना जाता है जो भारत के बैंकों को स्वावलंबी समूहों (एसएचजीज (SHGs)) उधार देने के लिए प्रोत्साहित करता है. क्योंकि एसएचजीज का गठन विशेषकर गरीब महिलाओं को लेकर किया गया है, इससे यह मिक्रोफिनानस के लिए महत्वपूर्ण भारतीय उपकरण के रूप में विकसित हो गया है. इस कार्यक्रम के माध्यम से मार्च 2006 तक 33 मिलियन सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले 2200000 लाख स्वयं सहायता समूह ऋण से जुड़ चुके थे.
नाबार्ड के पास प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन कार्यक्रम का भी एक (विभाग)पोर्टफोलियो है जिसमें के एक समर्पित उद्देश्य के लिए स्थापित कोष के माध्यम से जल संभर विकास, आदिवासी विकास और नवोन्मेषी फार्म जैसे विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है.

Wednesday, January 22, 2014

" Wakth Ki Awaaz "



राज योगा एक ऐसी वैज्ञानिक प्रमाणिक पद्धति है।जिसके लिए न तो ज्यादा साधनों की जरुरत होती हैं और न ही अधिक खर्च करना पड़ता है। इसलिए पिछले कुछ सालों से योगा की लोकप्रियता और इसके नियमित अभ्यास करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
राज योग का करे प्रयोग और जीवन को बनाये सुन्दर और शक्ति शाली। ……………।

Wednesday, January 15, 2014

पतंग - आज पतंग अलग ही नजर आ रही (patang)

पतंग




इस सुहानी धूप में
आज पतंग अलग ही नजर आ रही ,
मन मनो कह रहा हें
आज मै इस गगन में झूम - झूम नाचू
इधर जाउ उधर जाऊ
इस पार  जाऊ उस पार  जाऊ
आज  इस खुदरत की गोद में जाकर बैठ जाऊ 
और सबको अपना गीत सुनाऊ
और ये पतंग उड़ाने का अनुभव इतना सुंदर हें मानो
इश्वर का बार बार धन्यवाद है जो पतंग बनाया
जिसमे चार चाँद और लग जाते तब
जब इस सुनहरी धूप में , मै असमान में उडाता हुवा पतंग देखता हु
और अपनी बाहों को फेलाकर तब नाचता हू
और इस पतंग की डोर लेकर इस
जहा मै मदहोश हो जाता हु
इस सुहानी धूप में
आज पतंग अलग ही नजर आ रही

Sunday, January 12, 2014

" एक कहानी है ज़िंदगानी "

 एक कहानी है ज़िंदगानी
 
 
 
एक कहानी है ज़िंदगानी
किसी जुबां से किसी कलम से
अपने अपने अंदाज़ में
बया होती है ज़िंदगानी
एक कहानी है ज़िंदगानी
किसी के दर्द से किसी के
आंसू से किसी के मुस्कान से
किसी के अल्फाज से
कहती है कुछ ज़िंदगानी
एक कहानी है ज़िंदगानी


आप और हम और लोग
सभी है इस राह पर
हर कोई समझना चाहता है
ज़िंदगानी का असली रंग
एक कहानी है ज़िंदगानी
मेरे मन में रोज कुछ सवाल आते है
श्याम तक कुछ हल होते है कुछ रह जाते है
शयद आप के साथ भी ऐसा ही होता है
एक कहानी है ज़िंदगानी
आज हम कल कि बाते सुनते है
और कल हम आज कि सुनेंगे
हर लम्हा अपनी कहानी बनता है
आप कि भी एक कहानी है
मेरी भी एक कहानी है
एक कहानी है ज़िंदगानी
एक कहानी है ज़िंदगानी

Thursday, January 2, 2014

"नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है"

                         

नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है
आज सुबह ही एक कार्ड पर नज़र पड़ी
बड़े अच्छे मोतियो का दर्शन हुवा
दिल गदगद हो गया और दिल गुनगुनाने लगा
वहा वहा मेरे दोस्त वहा.........
नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है
जैसे बरिश होती है तो....... आनंद
लेना या नहीं लेना मेरे ही मन पर है 
आज क्यू ना मिले हुवे शुभ भावना
का ही उपयोग कर ले ......
नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है 
देखना है शुभ भावना के मोतियो को
कब और कैसे उपयोग मे लाये
हर बात समय पर या समय के पहले
याद आ जाये तो बात बनती है 
नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है
नये साल की मुबारक और शुभ कामनाए मिले है




Tuesday, December 31, 2013

"एक चिंतन "

एक चिंतन  .... 


आज इस साल का आखरी दिन है
ये दिन भी हम को बहुत कुछ सिकता है
आज के दिन सभी उत्सव मानाते है
इंसान अपने इस जीवन के आखरी दिन
पर भी उत्सव मनाता तो श्याद जीवन का
आनंद और रंग बहुत अलग होता 
ये दुनिया ही कुछ और होता
आज इस साल का आखरी दिन है
ये दिन भी हम को बहुत कुछ सिकता है
बड़ी अजीब सी बात है
हमारे जीवन का आखरी दिन
कब है इस का भी पता नहीं 
आज इस साल का आखरी दिन है
ये दिन भी हम को बहुत कुछ सिकता है
इस के लिये मुझे लगता है
हम सब को जीते जी मरना होगा
और तभी हम अपने जीवन के आखरी दिन
को एक उत्सव मे परिवर्तन कर पायेंगे 
आज इस साल का आखरी दिन है
ये दिन भी हम को बहुत कुछ सिकता है
अपने अंतर मन में हलचल है
तो आज खुशिया जरूर मनाये 
और अपने जीवन के आखरी दिन 
कैसा होगा और कैसा होना चाहिए 
इस पर भी ज़रा सोचिये 
शयद जीवन परिवर्तन की रह मिले
आज इस साल का आखरी दिन है
ये दिन भी हम को बहुत कुछ सिखाती है
 
ॐ शांति .............



Sunday, December 29, 2013

" नये साल के अगमन मे " Happy New Year 2014

नये साल के अगमन मे
खुशिया की है दस्तक
एक दिन की खुशी नहीं
पूरे साल भर की खुशिया है 
सिर्फ देखना है किसी भी 
बात से हमारी ख़ुशी गुम न हो
नये साल के अगमन मे
खुशिया की है दस्तक
देखो पापा कहे मम्मी से
मम्मी कहे पापा से
मुन्नी कहे मुन्ना से
चुन्नी कहे चन्नू से
नये साल मुबारक
नये साल मुबारक
नये साल के अगमन मे
खुशिया की है दस्तक
सब के चहरे पर मुस्कान
आंखो मे है नयी ताजगी
अरे देखो सब के सब
सोचे पहले हम करेंगे हम करेंगे
नये साल की मुबारक
कोई एस म एस लिख रहा है
कोई ग्रीटिंग कार्ड्स बना रहा है
कोई पार्टी की बात कर रहा है
कोई ईमेल कर रहा है
कोई पगला दीवाना हम जैसा
कविता के द्वारा कर रहा है
नये साल की मुबारक
नये साल के अगमन मे
खुशिया की है दस्तक
नये साल की मुबारक


रमेश खाड़े