Thursday, September 19, 2024

Sanjay Kumar Sharing his spiritual and Country Experience





  • संजय कुमार ने कहा, "मैंने पहले कभी भी इतना शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण नहीं देखा था। ब्रह्माकुमारियों शांतिवन में, मुझे ऐसा लगा जैसे मैं एक अलग दुनिया में हूं।"
  • वे आगे कहती हैं, "मैंने महसूस किया कि एक सर्वोच्च शक्ति यहां कार्य कर रही है और हर व्यक्ति को सशक्त बना रही है। इस अनुभव ने मुझे बहुत प्रभावित किया।"
  • संजय कुमार ने सद्भावना रेल यात्रा के बारे में भी साझा किया, "डॉ. सुभाराव की संगति में, मैंने बहुत कुछ सीखा। उन्होंने मुझे समझाया कि कैसे समाज को बेहतर बनाया जा सकता है।"
  • संजय कुमार ने कहा, "डॉ. सुभाराव एक ऐसे व्यक्ति हैं जो हर छोटी चीज़ का ध्यान रखते हैं। मैंने देखा कि वे चलते समय भी जमीन पर पड़े कूड़े को उठा रहे थे।"
  • जब मैंने उन्हें कूड़ा दिया, "तो उन्होंने मुझसे कहा, 'संजय, मेरे हाथ पहले ही गंदे हो चुके हैं। अगर मैं तुम्हें यह कूड़ा दूंगा, तो तुम्हारे हाथ भी गंदे हो जाएंगे। फिर हमें कितना पानी बर्बाद करना होगा?'"
  • इस घटना ने मुझे बहुत प्रभावित किया, "क्योंकि इससे मैंने सीखा कि हर छोटी चीज़ महत्वपूर्ण है और हमें अपने आस-पास की साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।"
  • संजय कुमार ने कहा, "ब्रह्माकुमारियों शांतिवन में बिताए चार दिनों ने मेरे जीवन को बदल दिया है। मैं अब एक अधिक जागरूक और जिम्मेदार व्यक्ति हूं। मैं इस अनुभव को सभी के साथ साझा करना चाहता हूं।"


Monday, April 8, 2024

“आबू के सितारे”

 





कल्पेश कुमार, सतपुर गांव का एक 9वीं कक्षा का छात्र, जो संगीत की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता है। 6 महीने पहले संगीत सीखना शुरू करने वाले कल्पेश ने अपनी प्रतिभा से सभी को चकित कर दिया है।

हाल ही में, कल्पेश अपने दोस्त गोकुल के साथ रेडियो मधुबन के स्टूडियो में गए। वहां उन्होंने अपना गाना सुनाया और गोकुल ने ढोल बजाकर उनका साथ दिया। दोनों की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया और सभी का दिल जीत लिया।

आबू रोड जैसे आदिवासी गांव में बच्चों का संगीत के प्रति रूचि बढ़ रही है। रेडियो मधुबन ऐसे बच्चों को प्रोत्साहन दे रहा है और उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान कर रहा है।

कल्पेश और गोकुल की कहानी उन सभी बच्चों के लिए प्रेरणा है जो संगीत में अपना करियर बनाना चाहते हैं। यह दर्शाता है कि प्रतिभा और लगन से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

रेडियो मधुबन की पहल सराहनीय है। यह आदिवासी बच्चों को संगीत की शिक्षा प्रदान करके उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है।

यहाँ कुछ बातें हैं जो इस घटना से प्रेरणा लेती हैं:

·         बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान करना महत्वपूर्ण है।

·         आदिवासी बच्चों को शिक्षा और कला के प्रति प्रोत्साहित करना आवश्यक है।

·         संगीत बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

·         रेडियो मधुबन जैसे संगठन बच्चों को उनकी प्रतिभा को विकसित करने में मदद कर रहे हैं।

यह घटना हमें यह भी याद दिलाती है कि:

·         हर बच्चे में प्रतिभा होती है।

·         हमें बच्चों को अपनी प्रतिभा को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

·         शिक्षा और कला सभी के लिए सुलभ होनी चाहिए।

कल्पेश और गोकुल की कहानी सभी बच्चों और उनके माता-पिता के लिए प्रेरणा है। यह दर्शाता है कि अगर बच्चों को सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन मिले तो वे कुछ भी हासिल कर सकते हैं।

 https://www.youtube.com/watch?v=bduFHfzuGJ4