Tuesday, November 4, 2025

चीखना और चिल्लाना नहीं चाहिए - कवी सुरेश चंद्र केसरवानी



चीखना और चिल्लाना नहीं चाहिए ।
किसी का दिल दुखाना नहीं चाहिए। 
अपनी भी एनर्जी व्यर्थ में गवाना नहीं चाहिए।
बे मौसम की बरसात में नहाना नहीं चाहिए।।
आपसी टकरार को बढ़ाना नहीं चाहिए।
किसी की हालत पर मुस्कुराना नहीं चाहिए। 
दुख:हर्ता सुख कर्ता एक परमात्मा है। 
उनसे कोई राज छिपाना नहीं चाहिए।
चीखना और चिल्लाना नहीं चाहिए।
किसी का दिल दुखाना नहीं चाहिए। 
अपनी भी एनर्जी व्यर्थ में गवना नहीं चाहिए।
और बेवजह मुस्कुराना नहीं चाहिए।
हम जहाँ पर है , जिस स्थिति में है यही सत्य है।
यही मेरा परिवार है ,यही खेल है। 
क्योंकि कल्प कल्पान्तर का यह मेल है ।
अपने कर्मों का दोषार्पण किसी पे लगाना नही चाहिए। 
चीखना और चिल्लाना नहीं चाहिए।
किसी का दिल दुखाना नहीं चाहिए ।
अपनी भी एनर्जी व्यर्थ में गवना नहीं चाहिए।
बे मौसम की बरसात में नहाना नहीं चाहिए।।
कुछ लोग कह रहे हैं, जिंदगी बहुत बड़ी है।
भगवान का रहा है, जिंदगी एक सांस की लड़ी है।
कुछ लोग कह रहे हैं, जिंदगी तो एक घड़ी है ।
भगवान कह रहा है, उस घड़ी की सेकंड वाली सुई की छड़ी है ।
कितना व्यर्थ में सोचेगा, कितना तू कमाएगा । 
स्थूल धन कमाएगा , मिट्टी में मिल जाएगा । 
शरीर को सजाएगा, व्यर्थ में चला जाएगा । 
जो भी तुम्हारे पास है, सब भगवान की अमानत है ।
किसी की अमानत को अपना बताना नहीं चाहिए । 
चीखना और चिल्लाना नहीं चाहिए ।
किसी का दिल दुखाना नहीं चाहिए ।
अपनी भी एनर्जी व्यर्थ में गवना नहीं चाहिए ।
बे मौसम की बरसात में नहाना नहीं चाहिए ।।

लेखक : कवी सुरेश चंद केसरवानी ,  
        प्रयागराज, शंकरगढ़



दो रोटी दोपहर को खाता दो ही रोटी शाम को - सुरेश चंद्र केसरवानी




 दो रोटी दोपहर को खाता

दो ही रोटी शाम को

फिर भी माया के चक्कर में भूल गया तू राम को

सोच जरा इस जग में बंदे आए थे किस काम को

जिसने तुम्हें जहां में भेजा भूल गया उस राम को

दो रोटी दोपहर को खाता

दो ही रोटी शाम को

जिस को अपना तू समझता है

जिस पे तू रात दिन मारता है

ये तो कजग के टुकड़े है

ना आए तेरे काम को

क्यूँ भूल गया तू राम को

दो रोटी दोपहर को खाता

दो ही रोटी शाम को

 

 

जिस देंह पे नातू करता है

वो तो मिट्टी का ढेला है

जिसको अपना तू समझता है

कुछ पल के लिए ये मेला है

वह पल भी तुझको पता नहीं

कब जाएगा विश्राम को

क्यों भूल गया तू राम को

दो रोटी दोपहर को खाता

दो ही रोटी शाम को

अब गफलत मत कर जीवन से

चलना है निज धाम को

अब रहना नहीं किराए के घर में

चलना है अपने धाम को

अब सुबह शाम तू सुमिर ले बंदे

एक प्रभु श्री राम को

क्यों भूल गया तू राम को

दो रोटी दोपहर को खाता

दो ही रोटी शाम को

फिर भी माया के चक्कर में भूल गया तू राम को


लेकखसुरेश चंद्र केसरवानी (प्रयागराज)




Monday, September 22, 2025

उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम चंडीगढ़

 

उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग हुए लाभान्वित

चंडीगढ़, 18 सितम्बर 2025।
दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के तत्वावधान में चंडीगढ़ सेक्टर-46B में एक विशेष उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर 100 से अधिक भाई-बहनों ने भाग लेकर दूरसंचार सेवाओं, साइबर सुरक्षा तथा उपभोक्ता अधिकारों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीं। विशेषज्ञों ने बताया कि किस प्रकार उपभोक्ता स्पैम कॉल्स, फर्जी मैसेज और ऑनलाइन ठगी से बच सकते हैं तथा समस्या आने पर अपनी शिकायतों को सही मंच तक पहुँचा सकते हैं।

इसी दिन, यह कार्यक्रम सरकारी कॉलेज चंडीगढ़ में भी आयोजित किया गया। यहाँ करीब 90 से 100 छात्रों ने भाग लिया और डिजिटल युग में सुरक्षित मोबाइल व इंटरनेट उपयोग से संबंधित सुझावों का लाभ उठाया। कॉलेज प्रबंधन ने विद्यार्थियों को इस प्रकार की जानकारी से जोड़ने को सराहनीय कदम बताया।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज के हर वर्ग को डिजिटल सेवाओं के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए जागरूक करना था। प्रतिभागियों ने इस पहल को अत्यंत उपयोगी बताते हुए TRAI और सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया।


Saturday, September 13, 2025

दक्षिण दिल्ली मोतीबाग में ट्राई का जागृति कार्यक्रम

 दिल्ली :  12-09-2025 टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया द्वारा सारे भारत में समय प्रति समय ग्राहक हित तथा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन होता है अब दिल्ली में भी यह जारी है । सर्वोदया सीनियर सेकंडरी स्कुल मोतीबाग टू ,नानकपुरा मे भी इसके आयोजन  में माउंट आबू से पधारे बी के सोमनाथ भाई, स्थानिक सेंटर से बी.के.ज्योत्ती बहन और विद्यार्थी सहित स्कूल का स्टाफ भी उपस्थित था।

बीके सोमनाथ ने बताया कि वर्तमान में सारा युग ही टेलीकॉम से संबंधित चल रहा है। बहुत सारे कार्यक्रम लोग घर बैठे ऑनलाइन देख रहे हैं स्कूल की पढ़ाई , क्लासेस अब ऑनलाइन हो गए हैं पैसे की लेनदेन के व्यवहार और मोबाइल के एक बटन से पूरा कार्य हो रहा है इसमें कभी-कभी सावधानियां रखनी पड़ती है अगर बच्चों के द्वारा एक गलत लिंक पर बटन दब गया तो हमारे खाते का पैसा खाली हो सकता है इसलिए छोटे बच्चों से मोबाइल दूर ही रखें कोइ भी अनजान साईट की लिंक ओपन न करे, किसी अनजान व्यक्ती को अपनी पर्सनल बाते न बताये तथा उन्हें ओटीपी नंबर न दे, मोबाइल के अधिक यूज से होनेवाले नुकसान के साथ बहुत सारी सावधानिया बी.के.सोमनाथ भाई ने विद्यार्थी यों को दी। भारत सरकार के ट्राई के द्वारा ग्राहकों को समय प्रति समय नई-नई सेवाओं से अवगत कराया जाता है। दूरसंचार सेवाओं को नियमित करने, विवादों पर निर्णय लेने ,अपीलों का निपटान करने दूरसंचार के सेवाओं सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ता के हितों की रक्षा के लिए ट्राई कार्य करता है। इस कार्यक्रम में बी.के. ज्योती बहन ने ब्रह्माकुमारीज विद्यालय की सेवाओसे अवगत कराया, कुछ मन की एकसरसाइज भी की तथा बच्चोके मानसिक विकास के हेतु विनामुल्य राजयोग मेडिटेशन लाभ लेने के लिए स्थानिक सेवाकेंद्र का निमंत्रण दिया।




इस तरह का कार्यक्रम आर के पुरम सेंटर में भी हुआ इसमें सेवाकेंद्र संचालिका अनिता दीदी तथा बहुसंख्या में ब्रह्माकुमार भाई , बहने उपस्थित थे अनिता दीदी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया का आभार व्यक्त किया।



Friday, September 12, 2025

बाराँ, राजस्थान - साइबर हाइजीन पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम (TRAI)

 




बाराँराजस्थान – 11-09-2025 डिजिटल युग में बढ़ते साइबर खतरों के बीच साइबर हाइजीन पर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ब्रिलियंट स्कूल और बीके सेंटर पर संपन्न हुआ, जिसमें ब्रह्माकुमारीज़ के वरिष्ठ वक्ता बीके सोमनाथ ने विद्यार्थियों एवं महिलाओं को संबोधित किया।

कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा, डिजिटल उपकरणों का सुरक्षित उपयोग, पासवर्ड सुरक्षा, सोशल मीडिया पर सावधानियां, और ऑनलाइन ठगी से बचाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गई। बीके सोमनाथ ने कहा कि “डिजिटल तकनीक जीवन को आसान बनाती है, लेकिन जागरूकता और सावधानी ही हमें सुरक्षित रख सकती है।”

📌 ब्रिलियंट स्कूल में आयोजित सत्र से 200 से अधिक छात्रों ने लाभ लिया और इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग की दिशा में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। वहीं, बीके सेंटर पर आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी करते हुए साइबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को समझा।

यह पूरा आयोजन भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) के सहयोग और प्रायोजन से संपन्न हुआ।

👉 इस तरह के कार्यक्रम ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में डिजिटल साक्षरता और सुरक्षित इंटरनेट उपयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।








Thursday, June 26, 2025

मानसिक स्वास्थ्य: सरल जीवन का रहस्य

 मानसिक स्वास्थ्य: सरल जीवन का रहस्य

आज के दौर में जहाँ भौतिक सुख-सुविधाएँ और तकनीकी प्रगति ने जीवन को तेज़ गति दी है, वहीं मनुष्य का मानसिक स्वास्थ्य लगातार संकट में पड़ता जा रहा है। तनाव, चिंता, अवसाद जैसे मानसिक विकार अब केवल डॉक्टर की क्लीनिक तक सीमित नहीं रहे, बल्कि हर घर की खामोश हकीकत बन गए हैं। ऐसे में एक प्रश्न मन में उभरता है — क्या मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने का कोई सरल उपाय है? इसका उत्तर है — सरल जीवन।

सरल जीवन क्या है?

सरल जीवन का अर्थ है — दिखावे से परे, सादगी से भरा, मूलभूत आवश्यकताओं पर आधारित और आत्म-संतोष से युक्त जीवन। यह वह जीवन है जहाँ मन शांति में होता है, इच्छाएँ नियंत्रित होती हैं और हर दिन एक नई ऊर्जा के साथ जिया जाता है।

सरल जीवन और मानसिक स्वास्थ्य का संबंध

  1. कम इच्छाएँ, कम तनाव:
    जब हमारी इच्छाएँ सीमित होती हैं, तो हम कम प्रतिस्पर्धा में पड़ते हैं। न तुलना, न जलन — सिर्फ संतोष। यही संतोष मन को हल्का और प्रसन्न रखता है।

  2. नियमित दिनचर्या और संयमित आहार:
    एक सरल जीवनशैली व्यक्ति को समय पर सोने-जागने, भोजन करने और विश्राम का अभ्यास सिखाती है। यह संतुलन ही मन को स्थिरता देता है।

  3. प्राकृतिक जीवन से जुड़ाव:
    सादा जीवन अक्सर प्रकृति के करीब होता है — बग़ीचे में समय बिताना, सूर्योदय देखना, पक्षियों की चहचहाहट सुनना। यह सब मन को शांति देता है।

  4. ध्यान और आत्मचिंतन:
    सरल जीवन में व्यक्ति के पास अपने भीतर झाँकने का समय होता है। रोज़ाना कुछ पल ध्यान और आत्मचिंतन से मानसिक थकान घटती है और मन स्पष्ट होता है।

  5. सकारात्मक संबंध:
    दिखावे से दूर रहने वाले लोग गहरे और सच्चे संबंधों को महत्व देते हैं। रिश्तों में प्रेम, अपनापन और सहारा — यह सब मानसिक स्वास्थ्य के लिए अमूल्य औषधि हैं।

सरल जीवन कैसे अपनाएं?

  • जीवन से गैरज़रूरी चीज़ों को हटाइए — सामान भी और विचार भी।

  • दिन की शुरुआत ध्यान, प्रार्थना या प्रकृति के साथ कीजिए।

  • तकनीकी उपकरणों से सीमित जुड़ाव रखें।

  • "ना" कहना सीखें — हर कार्य को स्वीकार करना मानसिक बोझ देता है।

  • दूसरों की अपेक्षाओं की बजाय अपने आत्मसंतोष को प्राथमिकता दें।

निष्कर्ष

मानसिक स्वास्थ्य कोई जादू नहीं, यह हमारे जीवन के छोटे-छोटे निर्णयों का परिणाम है। एक सरल, सच्चा, और सधा हुआ जीवन न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है। हमें याद रखना चाहिए —
"जो सरल है, वही सुंदर है; और जो सुंदर है, वही स्वस्थ है।"

चलो आज से ही संकल्प करें — ज़िंदगी को थोड़ा सादा बनाएं, मन को थोड़ा ज़्यादा सुनें, और एक शांत, संतुलित जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।