आदमी मुसाफिर है, आता है, जाता है
आते जाते रास्ते मे, यादे छोड़ जाता है
जोखा हवा का, पानी का रेला
मेले में रह जाए जो अकेला
फिर वो अकेला ही रह जाता है
कब छोड़ता है, ये रोग जी को
दिल भूल जाता हैं जब किसी को
वो भूलकर भी याद आता है
क्या साथ लाए, क्या तोड़ आए
रास्ते में हम क्या क्या छोड़ आए
मंज़िल पे जाखे याद आता है
जब डोलाती है, जीवन की नैय्या
कोई तो बन जाता हैं खिवाय्या
कोई किनारे पे ही डूब जाता है
आदमी मुसाफिर है, आता है, जाता है
आते जाते रास्ते मे, यादे छोड़ जाता है
आते जाते रास्ते मे, यादे छोड़ जाता है
जोखा हवा का, पानी का रेला
मेले में रह जाए जो अकेला
फिर वो अकेला ही रह जाता है
कब छोड़ता है, ये रोग जी को
दिल भूल जाता हैं जब किसी को
वो भूलकर भी याद आता है
क्या साथ लाए, क्या तोड़ आए
रास्ते में हम क्या क्या छोड़ आए
मंज़िल पे जाखे याद आता है
जब डोलाती है, जीवन की नैय्या
कोई तो बन जाता हैं खिवाय्या
कोई किनारे पे ही डूब जाता है
आदमी मुसाफिर है, आता है, जाता है
आते जाते रास्ते मे, यादे छोड़ जाता है
Flim-Apnapan
Singers-Lata & Mohd.Rafi
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