दिल ना उम्मीद तो नही, नाकाम ही तो है
लंबी है गम की शाम, मगर शाम ही तो है
ये सफ़र बहुत है कठिन मगर
ना उदास हो मेरे हमसफ़र
1) ये सितम की रात है ढालने को
है अंधेरा गम का पिघलने को
ज़रा देर इस मे लगे अगर, ना उदास
2) नही रहनेवाली ये मुश्किले
ये है अगले मोड़ पे मज़िले
मेरी बात का तू यकीन कर, ना उदास
3) कभी ढूँढ लेगा ये कारवा
वो ना_ई ज़मीन नया आसमान
जिसे ढूँढती है तेरी नज़र, ना उदास
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