"शांतिमय जीवन कैसे जिये ?"
कुछ मत करो, बस काम के समय काम करो
और जब काम न कर रहे हो तो आराम करो।
शाम को दुकान से या दफ्तर से घर लौटो तो
दुकान या दफ्तर घर मत लाओ और
सुबह जब घर से दुकान जाओ तो घर को घर पर ही छोड़कर जाओ।
जहा हो वहा अपनी पूरी (१०० %) उपस्तिथि दर्ज कराओ।
आधे-अधूरे मन से कोई भी काम मत करो, इस से काम भी बिगड़ेगा और तनाव भी बढेगा।
झाड़ू ही क्यू न लगानी हो, पुरे आनंद से भर कर लगाओ।
और येही शांतिमय जीवन जीने का राज है बस प्रैक्टिकल करके देखो।
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