सेवा ही सर्वोत्तम
एक बार अकबर अपने राज दरबार में आते ही सभा से तीन प्रश्न किये और कहा कि जो इनका ठीक उत्तर देगा उसको काफी बड़ा इनाम मिलेगा। प्रश्न कुछ इस तरह के थे।
१ ) सब से अच्छा फूल कौन सा है ?
२ ) सब से बड़ा राजा कौन -सा है ?
३ ) सब से अच्छा बेटा किसका है ?
दरबार में जो बुद्धिमान लोग थे, उन्होंने उत्तर देने की कोशिश की। किसी ने कहा सब से अच्छा फूल गुलाब का है, किसी ने कहा कमल का फूल सब से अच्छा है। और दूसरे प्रश्न के उत्तर में किसीने राजा के बारे में अकबर का नाम बताया और नहीं बताते तो उन्हें ये भी डर था की कहीं अकबर नाराज न हो जाये। इस तरह अब तीसरे प्रश्न के उत्तर में लगभग सभी ने यह उत्तर दिया की महाराज का सुपुत्र ही सब से अच्छा है। और ये भी डर था की कहीं राजकुमार को ये मालूम हो जाय की अमुक व्यक्ति ने अमुक महाराजा के सुपुत्र को अच्छा बताया है तो राजकुमार से कही दुश्मनी न हो जाये।
राजा इन उत्तरों से संतुष्ट नहीं थे, और वे जान भी गए की ये सब प्रशंसा करने वाले है और उनके अन्दर डर भी था। और उत्तर में कुछ नवीनता नहीं और न ही कोई अच्छा विचार है। और जैसे हमेशा होता है पहले सब दरबारियों को मौका मिलता है और जब अकबर संतुष्ट नहीं होते है तो वो खुद बीरबल की तरफ इशारा करते है और फिर आज भी वाही हुआ अकबर ने बीरबल से मुस्कुराते हुए कहा अब आप ही बताइये जनाब इनका सही जवाब क्या है ? और अब सब की नज़र बीरबल की ओर थी।
बीरबल ने मर्यादा और शिष्टाचार पूर्वक महाराज को संबोधित करके कहा, महाराज ! यों तो गुलाब व कमल अपनी- अपनी जगह पर सभी फूलों में अच्छे भी है और बड़े भी परन्तु मेरे विचार से सब से बड़े व अच्छे फूल रूई के फूल है क्यों की उन से जो हमें रुई मिलती है और उससे जो कपड़े बनते है, उन्हें पहनकर एक व्यक्ति न केवल स्वयं को सर्दी- गर्मी से बचाता है बल्कि एक सुसभ्य इन्सान दिखाई देता है। उनके बिना तो आम इंसान हैवान की तरह नंग-धडंग दिखाई देता है। आपका जो दूसरा प्रश्न है , उसके विषय में मेरा मन्यता ये है की राजाओं में सब से बड़े इंद्र है क्यों की वे वर्षा करते है। यदि वे वर्षा न करें तो खेती नहीं होंगी। खेती नहीं होंगी तो अनाज नहीं मिलेगा और अनाज नहीं मिलेंगे तो जनता भूखों मरेंगी। और अब रह तीसरा प्रश्न सब से अच्छा बेटा किसका है ? मेरे विचार से सब से अच्छा बेटा गाय का होता है क्यों की वह हल न चलाए तो खेती नहीं होंगी। बेचारा घास और भूसा खाता है और वह भी अपनी पैदावार में से और मेहनत करके प्रजा का पेट भरने की सेवा करता है। बीरबल के इन उत्तरों को सुनकर राजा बहुत खुश हुए और राज दरबार के सभी लोग भी।
सीख - इस कहानी से हमें ये सीख मिलता है कि सेवा करने वाला ही सब से बड़ा और अच्छा होता है। इस लिए सेवा करते रहो चाहे छोटा हो या बड़ा पर करते रहो।
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