सच्चा स्नेह
सुभद्रा कृष्ण की बहन थी लेकिन कृष्ण का द्रौपदी के साथ अधिक स्नेह था। सुभद्रा को यह महसूस होता था और वह कृष्ण से पूछती रहती थी ऐसा क्यों, आपका द्रौपदी के साथ मेरे से अधिक स्नहे क्यों ? एक दिन श्रीकृष्ण के अँगुली में गन्ना खाते समय गन्ने का छिलका लग गया और खून बहने लगा, तो फ़ौरन आवाज़ निकला कि कोई कपड़ा लाओ और अँगुली पर बाँधो। सुभद्रा छोटा सा कपड़ा ढूंढ़ती रही और द्रौपदी जो वहाँ खड़ी थी उसने अपनी कीमती साड़ी से कपड़ा फाड़कर श्रीकृष्ण की अँगुली पर बाँध दिया। तब श्रीकृष्ण की अँगुली ने कहा कि देखो इस कारण मुझे द्रौपदी से अधिक स्नेह है क्यों कि उसका मेरे साथ अधिक स्नेह है। उसने अपनी कीमती साड़ी की फिकर न कर मेरी अँगुली तथा खून का महत्व समझ साड़ी से कपड़ा फाड़कर मेरी अँगुली पर बाँध दिया।
सीख - इस घटना से हमें ये सीख मिलता है जो जिस से जितना ज्यादा स्नेह करता है उतना ही स्नेह वो पाएगा इस लिए अगर हम ज्यादा प्यार ईश्वर से करेंगे तो उतना ही प्यार हमें ईश्वर से भी मिलेगा।
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