- डॉ. अक्षिता ने कहा, "मैंने कई एनजीओ में काम किया है और समाज सेवा के लिए समर्पित लोगों को देखा है। लेकिन ब्रह्माकुमारियों शांतिवन में मुझे जो शांति और आत्मज्ञान मिला, वह कुछ और ही था। यह सिर्फ एक अनुभव नहीं था, बल्कि एक परिवर्तन था।"
- वे आगे कहती हैं, "मैं अब सिविल सेवा में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए और अधिक प्रेरित महसूस करती हूं। इस आध्यात्मिक ज्ञान के साथ, मैं न केवल अपने व्यक्तिगत विकास पर ध्यान केंद्रित कर सकती हूं, बल्कि समाज के लिए भी कुछ बेहतर कर सकती हूं।"
- डॉ. अक्षिता का मानना है कि "आध्यात्मिकता और सिविल सेवा एक दूसरे के पूरक हैं। एक आध्यात्मिक व्यक्ति ही समाज के लिए सच्ची सेवा कर सकता है।"
- डॉ. अक्षिता अपने छात्रों को प्रेरित करना चाहती हैं ताकि वे भी आध्यात्मिकता और सिविल सेवा के बीच संबंध को समझ सकें।
- वे अपने छात्रों को बताना चाहती हैं कि आध्यात्मिकता उन्हें न केवल व्यक्तिगत रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि उन्हें एक बेहतर नागरिक भी बनाएगी।
- डॉ. अक्षिता ने कहा, "मैं अपने छात्रों को इस बात के लिए प्रेरित करना चाहती हूं कि वे अपने जीवन में आध्यात्मिकता को अपनाएं। इस ज्ञान के साथ, वे न केवल अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि समाज के लिए भी कुछ बेहतर कर सकते हैं।"
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