Wednesday, August 28, 2013

Jeevan tumne Diya hai.....(Hindi Lyrics)

 

 जीवन तुमने दिया है संम्भालोगे तुम - (2)
 आशा हमे है विश्वास है, हर मुश्किल से विधाता निकलोगे तुम
 जीवन तुमने दिया है संम्भालोगे तुम
 आशा हमे है विश्वास है, हर मुश्किल से विधाता, निकलोगे तुम
 जीवन तुमने दिया है संम्भालोगे तुम

 साए मे हम आप ही के पाले, सत्कर्म की रह पर हम चले
 सारे जहाँ की भलाई करे, हम ना किसीकि बुराई करे
 इस  दुनिया के दुखों से बचा लोगे तुम - (2)
 आशा हमे है विश्वास है, हर मुश्किल से विधाता, निकलोगे तुम
 जीवन तुमने दिया है संम्भालोगे तुम

 हर पल अगर तुम्हारा साथ है, फिर हुमको डरने की क्या बात है
काठनाईयो  से ना हारेंगे हम, तुमको हमेशा पुकारेंगे हम
 अपने गले से हमे भी लगलोगे तुम - (2)
 आशा हमे है विश्वास है, हर मुश्किल से विधाता, निकलोगे तुम
 जीवन तुमने दिया है संम्भालोगे तुम

छाया  कही तो कही धूप है, है नाम कितने काई रूप है
 हर शय  मे तुम हो समाए हुए, हम सब हैं तुम्हारे बनाए हुए
 हम जो रूठे कभी तो मनलॉगे तुम - (2)
 आशा हमे है विश्वास है, हर मुश्किल से विधाता, निकलोगे तुम
 जीवन तुमने दिया है संम्भालोगे तुम

Sunday, August 25, 2013

Tera Karm hi teri Vijay hai (Hindi Lyrics)




तेरा करम ही तेरी विजय है
तेरी विजय है
तेरा करम ही तेरी विजय है
तेरी विजय है
हर वक़्त है इम्तिहान का
दस्तूर है ये जहाँ का
हर वक़्त है इम्तिहान का
दस्तूर है ये जहाँ का
तेरा करम ही तेरी विजय है
तेरी विजय है

अँधा है हर सफ़र
हर सांस मे अजनबी
अपनी ही खोज मे
खोया है हर आदमी
अँधा है हर सफ़र
हर सांस मे अजनबी
अपनी ही खोज मे
खोया है हर आदमी
जूठे  है सारे सहारे
रिस्ते हमारे  तुम्हारे
ए  वक़्त के खेल सारे
तेरा करम ही तेरी विजय है
तेरी विजय है
हर वक़्त है इम्तिहान का
दस्तूर है ये जहाँ का
हर वक़्त है इम्तिहान का
दस्तूर है ये जहाँ का
तेरा करम ही तेरी विजय है
तेरी विजय है

पत्थर की है ज़मीन
है दूर घर आसमान
फिर भी ये जिंदगी जीना है सबको यहा

पत्थर की है ज़मीन
है दूर घर आसमान
फिर भी ये जिंदगी जीना है सबको यहा

किस हाथ मे क्या लिखा है
पहले से किस ने पढ़ा है
जाने मुक़धार मे क्या लिखा है

तेरा करम ही तेरी विजय है
तेरी विजय है, विजय तेरी विजय है
हर वक़्त है इम्तिहान का
दस्तूर है ये जहाँ का
हर वक़्त है इम्तिहान का
दस्तूर है ये जहाँ का
तेरा करम ही तेरी विजय है
तेरी विजय है.


Meri Dadi " Dadi Prakash Mani "

"ना ये चाँद होगा"
 


ना ये चाँद होगा ना तारे रहेगे
मगर हम हमेशा तुम्हारे रहेगे
ना ये चाँद होगा

नज़र ढूँढती थी जिसे पा लिया है
उमीदों के फुलो से दामन भरा है
ये दिन हमको सब दिन से प्यारे रहेगे
ना ये चाँद होगा

कहूँ क्या मेरे दिल का अरमान क्या है
तुम्हे हर घड़ी चूमना चाहता है
कहाँ तक भला जी को मारे रहेगे
ना ये चाँद होगा

सहारा मिले जो तुम्हारी हँसी का
भुला देगे हम सारा गम ज़िंदगी का
तुम्हारे लिए है तुम्हारे रहेगे
ना ये चाँद होगा

 बिच्छाड़कर चले जाए तुमसे कही
तो ये ना समझना मुहब्बत नही
जहाँ भी रहे हम तुम्हारे रहेगे
ना ये चाँद होगा

ज़माना अगर कुछ कहेगा तो क्या
मगर तुम ना कहना हमे बेवफा
तुम्हारे लिए है तुम्हारे रहेगे
ना ये चाँद होगा


Friday, August 23, 2013

Mujhe Pyar ki Zindagi Dene Wale.. (Hindi Lyrics)



मुझे प्यार की ज़िंदगी देने वाले
कभी गम  ना देना ख़ुशी देने वाले
मुझे प्यार की ज़िंदगी देने वाले

मोहब्बत के वादे भुला तो ना देंगे
कहीं मुझ से दामन चुरा तो ना लो गे.…..  २ 
मारे दिल की दुनिया है  तेरे  हवाले
मुझे प्यार की ज़िंदगी देने वाले

ज़माने में तुम से नही कोई प्यारा …… २ 
यह जान भी तुम्हारी यह दिल भी तुम्हारा
जो ना हो यक़ीन तो कभी आजमाले
मुझे प्यार की ज़िंदगी देने वाले

भरोसा हे हम को मुहाबत पे तेरी ….. .. २
तो फिर हंस के देखो निगाहों में मेरी
यह डर है ज़माना जुदा  कर ना डाले

मुझे प्यार की ज़िंदगी देने वाले
कभी गम  ना देना ख़ुशी देने वाले
मुझे प्यार की ज़िंदगी देने वाले।

Mere Desh Premiyo... (Hindi Lyrics)

 

नफ़रत की लाठी तोडो, लालच का खंजर फेंको
ज़िद्द के पीछे मत दौड़ो, तुम प्रेम के पंछी हो
देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों ...
देखो, ये धरती, हम सब की माता है
सोचो, आपस में, क्या अपना नाता है
हम आपस में लड़ बैठे,
हम आपस में लड़ बैठे तो देश को कौन संभालेगा
कोई बाहर वाला अपने घर से हमें निकालेगा
दीवानों होश करो, मेरे देश प्रेमियों ...

मीठे, पानी में, ये ज़हर ना तुम घोलो
जब भी, कुछ बोलो, ये सोच के तुम बोलो
भर जाता है गहरा घाव जो बनता है गोली से
पर वो घाव नही भरता जो बना हो कड़वी बोली से
तो मीठे बोल कहो, मेरे देश प्रेमियों ...

तोडो, दीवारें, ये चार दिशाओं की
रोको, मत राहें इन, मस्त हवाओं की
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण वालों मेरा मतलब है
इस माटी से पूछो क्या भाषा क्या इसका मज़हब है
फिर मुझसे बात करो, मेरे देश प्रेमियों ...आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों ...
देश प्रेमियों, आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों ...

Wednesday, August 21, 2013

मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन (Hindi Lyrics)

 

  मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन
    शांति का उन्नति का प्यार का चमन
    मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन
    शांति का उन्नति का प्यार का चमन
    इस के वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन
    ए   वतन  ए  वतन ए  वतन
    जानेमन जानेमन जानेमन
    ए   वतन  ए  वतन ए  वतन
    जानेमन जानेमन जानेमन
    मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन 
    शांति का उन्नति का प्यार का चमन

    इस की मिट्टी से बने तेरे मेरे यह बदन 
    इस की धरती तेरे मेरे वास्ते गगन
    इस ने ही सिखाया हम को जीने का चलन
    जीने का चलन
    इस के वास्ते निसार है मेरा तन  मेरा मन 
    ए   वतन  ए  वतन ए  वतन
    जानेमन जानेमन जानेमन
    मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन 
    शांति का उन्नति का प्यार का चमन

    अपने इस चमन को स्वर्ग हम बनाएँगे
    कोना कोना अपने देश का सजाएँगे
    जश्न होगा ज़िंदगी का होंगे सब मगन
    होंगे सब मगन
    इस के वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन 
    ए   वतन  ए  वतन ए  वतन
    जानेमन जानेमन जानेमन
    मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन 
    शांति का उन्नति का प्यार का चमन
    मेरा मुल्क मेरा देश मेरा यह वतन 
    शांति का उन्नति का प्यार का चमन
    इस के वास्ते निसार है मेरा तन मेरा मन 
    ए   वतन  ए  वतन ए  वतन
    जानेमन जानेमन जानेमन
    ए   वतन  ए  वतन ए  वतन
    जानेमन जानेमन जानेमन.

फ्लिम - दिलजले -1996

" Motivational Thought " (My Collection)




 – हमेशा ‘हां’ कह कर अपनी खुशियों का गला न घोंटें ….

कई लोग ‘ना’ कह नहीं पाते. यह बहुत बड़ी समस्या है. इसे कमजोरी कहना ज्यादा उचित होगा. हम लोगों के काम करते जाते हैं, उनकी बातें मानते जाते हैं, अपनी खुशियों का गला घोंटते जाते हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि हमें ‘ना’ कहना नहीं आता. यह शब्द हम इसलिए नहीं बोल पाते, क्योंकि हम बदले में लोगों का प्यार चाहते हैं, उनकी तारीफ चाहते हैं.

हम चाहते हैं कि लोग हमें अपनाएं. इन चीजों के लालच में हम खुद के साथ अन्याय करते रहते हैं और सहनशक्ति की सीमा तक वो सारे काम करते हैं, जो हमें तकलीफ पहुंचाते हैं, हमें नाखुश करते हैं.

हम यह काम सालों-साल करते हैं. जब लोग हर चीज में हमारी ‘हां’ सुनते हैं, तो बदले में हमें विनम्र, अच्छा, मददगार इनसान आदि नामों का ताज पहनाते हैं. लेकिन यदि हमारी सहनशक्ति 10 साल बाद टूट जाती है और हम 11वें साल में किसी काम को लेकर ‘ना’ कह देते हैं, तो वही लोग हमें अभिमानी, अहंकारी, बदतमीज कह देते हैं. वे हमारी 10 साल की मेहनत, त्याग, सेवा को तुरंत भूल जाते हैं. तब हमें लगता है कि काश उसी वक्त ‘ना’ बोल दिया होता.
मेरा कहना यह नहीं है कि आप हर चीज में ‘ना’ बोलना शुरू कर दें. कहना सिर्फ इतना है कि खुद से सवाल करें कि आपके लिए लोगों का प्यार, तारीफ ज्यादा मायने रखता है या आपकी खुद की खुशी, दिमाग की शांति? यदि आप किसी काम को करने से नाखुश हैं, तनाव में हैं, तो बेहतर है कि आप ‘ना’ कह दें.

यह न सोचें कि सामनेवाला नाराज हो जायेगा, प्यार नहीं करेगा, फिर वह मुझसे ठीक से बात नहीं करेगा. याद रखें, लोगों को आप हमेशा खुश नहीं रख सकते हैं. आप हमेशा उनके मुताबिक नहीं चल सकते. यदि आप ऐसा करने की कोशिश करेंगे, तो कहीं न कहीं खुद के साथ अन्याय करेंगे.
दोस्तो, हम उन लोगों के नाराज होने से क्यों डरें, जिनकी राय पल भर में हमारे प्रति बदल जाती है. जो कल हमें विनम्र, प्यारा, अच्छा इनसान कह रहे थे, वह हमें अचानक अभिमानी, गुस्सैल, अहंकारी कहने लगे. आप केवल उन्हें ही अपना मानें, जो आपके ‘ना’ कहने के बावजूद भी आपसे प्यार करें. आपकी ‘ना’ कहने की वजह को समङों.

- बात पते की
* यदि कोई इनसान पहले आपकी हर बात पर ‘हां’ कहता था, लेकिन आज अचानक उसने ‘ना’ कह दिया, तो उस इनसान की परिस्थिति को समझें.

* दूसरों से प्यार, सम्मान पाने के लिए अपनी खुशियों का गला न घोंटें, क्योंकि ये छोटे-छोटे त्याग किसी दिन ज्वालामुखी बन कर फूट पड़ेंगे.