Wednesday, August 14, 2013

"मेरा भारत महान है"



भारत एक समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत वाला देश है और यह दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहाँ के नागरिक देश को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने की वचनबद्धता रखते हैं जहां तक इसके संस्‍थापकों ने इसे पहुंचाने की कल्‍पना की। जैसे ही आसमान में तिरंगा लहराता है, प्रत्‍येक नागरिक देश की शान को बढ़ाने के लिए कठिन परिश्रम करने का वचन देता है और भारत को एक ऐसा राष्‍ट्र बनाने का लक्ष्‍य पूरा करने का प्रण लेता है जो मानवीय मूल्‍यों के लिए सदैव अटल है।

स्कूलों और संस्थाओं द्वारा प्रात: ही प्रभातफेरी निकाली जाती हैं जिनमें बच्चे, युवक और बूढ़े देशभक्ति के गाने गाते हैं और उन वीरों की याद में नुक्क्ड़ नाटक और प्रशस्ति गान करते हैं। 
स्‍वतंत्रता दिवस का एक और प्रतीक पतंग उड़ाने का खेल है। आकाश में ढेर सारी पतंगें दिखाई देती हैं जो लोग अपनी अपनी छतों से उड़ा कर भारत की स्‍वतंत्रता का समारोह मनाते हैं। अलग अलग प्रकार, आकार और रंगों की पतंगों तथा तिरंगे बाज़ार में उपलब्‍ध हैं। इस दिन पतंग उड़ाकर अपने संघर्ष के कौशलों का प्रदर्शन किया जाता है।.… 

"मेरा भारत महान है आज हम बड़े दिल से कहते है पर क्या हम आज ६६ सालो के बाद भी 
उन महान बलिदानों का उन वीरोका आजाद भारत बना पाए ? …. अगर नहीं तो मेरा एक और सवाल है फिर कब हम करेंगे। . अब मुझे लगता है उस पवित्र रामराज्य वाला भारत बनाने के लिए हम सब को एक बार फिर से बलिदान अपना देना होगा और इस के लिए अंग्रेजो की गोली से नहीं परंतु अपने अन्दर के बुराईयों को खुद ही खुदी से मिटाना होगा और ऐसा होगा तो हम सब अपने इसी भारत को रामराज्य में तब्दील होते देखेंगे।"


 

Monday, August 12, 2013

" सफल जीवन के लिए प्रेरणा "



सफल जीवन के लिए एक प्रेरक - सूत्र है - "छोटो को देखकर जिओ, बड़ो को देखकर बढ़ो ,
अच्छे के लिए प्रयास करो और बुरे के लिए तैयार रहो  .
तुम्हारे पास स्कूटर है तो अपनी नज़र छोटी साइकिल साइकिल पर रखना,बड़ी कार पर नहीं, 
बस तुम सुखी रहेंगे 
बड़ो से आगे बढाने की प्रेरणा लेना, क्यू की दुनिया में जो महापुरुष है 
वे केवल पूजने के लिए नहीं है 
 प्रेरणा लेने के लिए भी है.
अच्छे के लिए प्रयास करना, क्यू की प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता है 
और बुरे के लिए तैयार रहना, क्यू की बेट कभी भी मुँह मोड़ सकता है 
और दोस्त कभी भी  साथ छोड़ सकता है।

Friday, August 9, 2013

" दादी माँ की पेन्सिल " (collection of my stories)



 दादी माँ की पेन्सिल
 
एक बालक अपनी दादी मां को एक पत्र लिखते हुए देख रहा था। अचानक उसने अपनी दादी मां से पूंछा,
दादी मां !” क्या आप मेरी शरारतों के बारे में लिख रही हैं ? आप मेरे बारे में लिख रही हैं, ना
यह सुनकर उसकी दादी माँ रुकीं और बोलीं , ” बेटा मैं लिख तो तुम्हारे बारे में ही रही हूँ, लेकिन जो शब्द मैं यहाँ लिख रही हूँ उनसे भी अधिक महत्व इस पेन्सिल का है जिसे मैं इस्तेमाल कर रही हूँ। मुझे पूरी आशा है कि जब तुम बड़े हो जाओगे तो ठीक इसी पेन्सिल की तरह होगे।
यह सुनकर वह बालक थोड़ा चौंका और पेन्सिल की ओर ध्यान से देखने लगा, किन्तु उसे कोई विशेष बात
नज़र नहीं आयी। वह बोला, ” किन्तु मुझे तो यह पेन्सिल बाकी सभी पेन्सिलों की तरह ही दिखाई दे रही है।
इस पर दादी माँ ने उत्तर दिया,
बेटा ! यह इस पर निर्भर करता है कि तुम चीज़ों को किस नज़र से देखते हो। इसमें पांच ऐसे गुण हैं, जिन्हें
यदि तुम अपना लो तो तुम सदा इस संसार में शांतिपूर्वक रह सकते हो।
पहला गुण : तुम्हारे भीतर महान से महान उपलब्धियां प्राप्त करने की योग्यता है, किन्तु तुम्हें यह कभी
भूलना नहीं चाहिए कि  तुम्हे एक ऐसे हाथ की आवश्यकता है जो निरन्तर तुम्हारा मार्गदर्शन करे। हमारे
लिए वह हाथ ईश्वर का हाथ है जो सदैव हमारा मार्गदर्शन करता रहता है।
दूसरा गुण : बेटा ! लिखते, लिखते, लिखते बीच में मुझे रुकना पड़ता है और फ़िर कटर से पेन्सिल की नोक
बनानी पड़ती है। इससे पेन्सिल को थोड़ा कष्ट तो होता है, किन्तु बाद में यह काफ़ी तेज़ हो जाती है और अच्छी
चलती है। इसलिए बेटा ! तुम्हें भी अपने दुखों, अपमान और हार को बर्दाश्त करना आना चाहिए, धैर्य से सहन
करना आना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से तुम एक बेहतर मनुष्य बन जाओगे।
तीसरा गुण : बेटा ! पेन्सिल हमेशा गलतियों को सुधारने के लिए रबर का प्रयोग करने की इजाज़त देती है।
इसका यह अर्थ है कि यदि हमसे कोई गलती हो गयी तो उसे सुधारना कोई गलत बात नहीं है। बल्कि ऐसा
करने से हमें न्यायपूर्वक अपने लक्ष्यों की ओर निर्बाध रूप से बढ़ने में मदद मिलती है।
चौथा गुण : बेटा ! एक पेन्सिल की कार्य प्रणाली में मुख्य भूमिका इसकी बाहरी लकड़ी की नहीं अपितु
इसके भीतर केग्रेफाईट की होती है। ग्रेफाईट या लेड की गुणवत्ता जितनी अच्छी होगी,लेख उतना ही सुन्दर होगा।
 इसलिए बेटा ! तुम्हारे भीतर क्या हो रहा है, कैसे विचार चल रहे हैं, इसके प्रति सदा सजग रहो।
अंतिम गुण : बेटा ! पेन्सिल सदा अपना निशान छोड़ देती है। ठीक इसी प्रकार तुम कुछ भी करते हो तो तुम भी अपना निशान छोड़ देते हो।
अतः सदा ऐसे कर्म करो जिन पर तुम्हें लज्जित होना पड़े अपितु तुम्हारा और तुम्हारे परिवार का सिर
गर्व से उठा रहे। अतः अपने प्रत्येक कर्म के प्रति सजग रहो।

Wednesday, August 7, 2013

Singer Takuri from Nepal_Interview


Singing is a best art and i think it is originally gifted by God itself only
 The person is an instrument which only play is or she cannot express how it works......

Sometime.....Talent is Inbuilt




"अपने सपनो को लिखिए और ज़रूर लिखिए क्योंकि जब आप किसी विषय पर लिखते हैं 
अपना फोकस बड़ा पाते हो"

Tuesday, August 6, 2013

A Group Interview of Hyd. Abbas Showroom


Working with the Good organization is a Great experience 
which give happiness and Good income source for family
 working with joy is also and Art which comes by experience.

Ho God Thank you for being with me.......

I Think once in a day take time and sit in a corner and say to God with whole Heart ...
" Thank you "