Monday, November 14, 2016

Eureka Public School Pindwara






























Tarang A singing Competition at Eureka Public School Including Staff,Teachers and student It was a Wonderful experience for me The student and staff Played a very discipline way in competition and it was a open Round now they got a startup for 2nd Round.

Friday, October 7, 2016

दहलीज़ पे मेरे दिल की (my Love full song Collection)

दहलीज़ पे मेरे दिल की
जो रखे हैं तूने क़दम
तेरे नाम पे मेरी ज़िन्दगी
लिख दी मेरे हमदम

हाँ सीखा मैंने जीना
जीना कैसे जीना
हाँ सीखा मैंने जीना
मेरे हमदम
ना सीखा कभी जीना
जीना कैसे जीना
ना सीखा जीना
तेरे बिना हमदम…

सच्ची सी हैं ये तारीफें
दिल से जो मैंने करीं हैं
सच्ची सी हैं ये तारीफें
दिल से जो मैंने करीं हैं
जो तू मिला तो सजी हैं
दुनिया मेरी हमदम
हो आसमां मिला
जमीं को मेरी
आधे-आधे पूरे हैं गम
तेरे नाम पे मेरी ज़िन्दगी
लिख दी मेरे हमदम

हाँ सीखा मैंने जीना
जीना कैसे जीना
हाँ सीखा मैंने जीना
मेरे हमदम
ना सीखा कभी जीना
जीना कैसे जीना
ना सीखा जीना
तेरे बिना हमदम

 


Thursday, July 28, 2016

Muskurane Ki Vajah Tum ho.......Song Lyrics




मुस्कुराने की वज़ह तुम हो
गुनगुनाने की वज़ह तुम हो
जिया जाए ना,  जाए ना, जाए ना
ओ रे पिया रे… 

ओ रे लम्हें तू कहीं मत जा
हो सके तो उम्र भर थम जा
जिया जाए ना, जाए ना, जाए ना
ओ रे पिया रे… 

जिया जाए ना, जाए ना, जाए ना
ओ रे पिया रे… पिया रे… 

धुप आए तो.. छाँव तुम लाना
ख़्वाहिशों की बारिशों में
भीग संग जाना 

जिया जाए ना, जाए ना, जाए ना
ओ रे पिया रे…
जिया जाए ना, जाए ना, जाए ना
ओ रे पिया रे… पिया रे…ऊऊ…
 मुस्कुराने की वज़ह तुम हो
गुनगुनाने की वज़ह तुम हो
जिया जाए ना,  जाए ना, जाए ना
ओ रे पिया रे… 

Singer - Arijit Singh
Lyrics - Rashmi singh
Music - Jeet Gannguli

Sunday, May 29, 2016

आज की जरूरत जैवीक खेती

 आज की जरूरत जैवीक खेती

हरियाणा के ईश्वर सिंह जी कहते है में एक व्यपारी था जो खेती में लगने वाले दवाईया बेचता था और किसानों के साथ मेरा अच्छा दोस्ताना था एग्रीकल्चर सीड्स, फ़र्टिलाइज़र सब किसानों की जररूत थी तो वो मेरे पास आते थे और ले जाते थे व्यापार तो अच्छा था ही लेकिन एक दिन एक दवा की बोतल का ढक्कन खुला हवा था और वो गिर गयी जिस की वजह से मेरी तबीयत ख़राब हो गयी। और दस तक मुझे हॉस्पिटल में रहना पड़ा।
तब मुझे महसूस हुवा सिर्फ दवा के गंध से मैं बेहोश और बीमार हो गया तो खेती में कितना दवा किसान डालता है तो खेती का क्या हाल होता होगा बहुत चिंतन मनन करने पर मैं इस निष्कर्श पर पहुँचा की ये केमिकल और फर्टिलिजेर्स खेती और पर्यावरण को नुक्सान देते है। क्यों न में पेड़ फूल से ही कुछ दवा बनाए जो खेती और मनुष्य के लिए हनिकारक न हो। इस विचार में मैं काफ़ी दिनों तक मनन करता रहा और एक दिन एक कार्य किया कुछ नीम, धतूरा और अन्य पत्तों का मिश्रण बनाकर एक किसान को दिया और कहा तू इस का प्रयोग कर और मुझे इसका रिजल्ट बताना पैसे बाद में देना।  उस किसान को फायदा हुआ और वो और मिश्रण लिए मेरे पास आया इस तरह एक के बाद एक किसान जुड़ते गये और सब को फायदा मिला। अधिक जानकारी के लिए
ऑडियो फ़ाइल जरूर सुने।






Tuesday, May 24, 2016

हिंसा रहित हम सब दीपावली मनाएंगे।

हम सब के घरों में खुशहाली लाएँगे। 
पटाखा त्याग कर पर्यावरण बचाएंगे। 
मांगलिक शुभ बेला में नई रोशनी लाएंगे। 
हिंसा रहित हम सब दीपावली मनाएंगे। 

जीवों की हत्या रोक, अहिंसा का मार्ग अपनाएंगे। 
आतिशबाजी बंद कर जन धन को बचाएंगे। 
बर्बादी से बच कर जीवन में सुंदरता लाएंगे। 
हिंसा रहित हम सब दीपावली मनाएंगे।


हम सब के घरों में खुशहाली लाएँगे। 
पटाखा त्याग कर पर्यावरण बचाएंगे।
हिंसा रहित हम सब दीपावली मनाएंगे।
हिंसा रहित हम सब दीपावली मनाएंगे।

साम्प्रदयिक सदभावना की प्रेम धारा बहाओ रे।

मानवता अपनाओ रे, सब को गले लगाओ रे। 
अनेकता में एकता की, सदभावना जगाओ रे। 
भारत माता की रक्षा वास्ते, हँसते, हँसते प्राण चढ़ाओ रे। 
साम्प्रदयिक सदभावना की प्रेम धारा बहाओ रे। 

वन्दे-मातरम गाओ रे, भारत का सम्मान बढ़ाओ रे। 
गरीबी, महंगाई, बेकारी हटे, ऐसा विकास दिखलाओ रे। 
देश भक्तों के बलिदानों को, कहीं भूल नहीं जाओ रे। 
साम्प्रदयिक सदभावना की प्रेम धारा बहाओ रे। 

हिंदुस्तान के हम है, हिंदुस्तान हमारा है। 
इसकी आन न जाने पाये, यह संकल्प हमारा है। 
हमारे मन्दिर हमारे मस्जिद, गिरिजा और गुरूद्वार है। 
हम सब भारतवासी, इसमें सच्चा भाईचारा है। 
साम्प्रदयिक सदभावना की प्रेम धारा बहाओ रे। 
साम्प्रदयिक सदभावना की प्रेम धारा बहाओ रे।

Saturday, May 21, 2016

पानी से नहीं खेलें होली ...

पानी से नहीं खेलें होली 

मन में आपस में न रखें मलाल। 
हम प्रेम से खेलें रंग गुलाल। 
यह पर्व है ऐसा हम सब गले मिले। 
सब में आपस में स्नेह की ज्योति जले। 

 सदभावना से खेलें होली। 
 पानी से नहीं खेले होली। 

फाल्गुन महीना सब से निराला है। 
भ्रस्टाचारियो का बोलबाला है। 
पानी बचेगा भविष्य अच्छा रहेगा। 
अपना स्वास्थ्य सदा निरोगी रहेगा। 

 भारत की जनता है भोली।
 पानी से नहीं खेले होली।