घर की एकता को बनाये रखने के कुछ ऐसे करना है जो लकड़ी भी न टूटे और सप भी मर जाये ......
जैसे हम घर में रहते है पूरा परिवार है एक साथ रहते है तो सहज ही हर एक बात सब की टिक तो नहीं होगी
और ऐसे में कभी सास और बहु में कुछ हो जय तो वो शाम को घर लौटे अपने पतियों को बतायेगी की आज ऐसा आपकी बहु ने किया और आज ऐसा आपकी माँ ने कहा तो ऐसे हालत में बस पतियों को सब कुछ सुन भी लेना है और जब सुबह उठो तो ऐसा हो जैसे "आगे पठ और पिच्छे सपाट" हो आने आप रोज की तरह अपने काम में लग जव और रात जो कुछ सुना उसे भूल जय इसी में परिवार की एकता बनी रहती है और यही तरीका है ............... जीवन जीने का ......बस खुश रहिये तरीका कुछ भी हो .
जैसे हम घर में रहते है पूरा परिवार है एक साथ रहते है तो सहज ही हर एक बात सब की टिक तो नहीं होगी
और ऐसे में कभी सास और बहु में कुछ हो जय तो वो शाम को घर लौटे अपने पतियों को बतायेगी की आज ऐसा आपकी बहु ने किया और आज ऐसा आपकी माँ ने कहा तो ऐसे हालत में बस पतियों को सब कुछ सुन भी लेना है और जब सुबह उठो तो ऐसा हो जैसे "आगे पठ और पिच्छे सपाट" हो आने आप रोज की तरह अपने काम में लग जव और रात जो कुछ सुना उसे भूल जय इसी में परिवार की एकता बनी रहती है और यही तरीका है ............... जीवन जीने का ......बस खुश रहिये तरीका कुछ भी हो .
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