आज सब सोचते है की लक्ष्मी घर में हो तो सुख जीवन में होगा और इसी विचार को पकड़कर दिन सुरु करते है जब की सुख का रास्ता ही कुछ और है सुख के लिए ज्ञान और एक सही समझ की जरुरत है इस संसार को और इस के नियम को समझ ले तो जीवन सुखमय बन जायेंगा एक छोटा उदहारण से समझ ले तो पैसा से सुख नहीं पर सुख के साधन खरीद सकते है और सुख के साधन भी सदा काल का सुख नहीं दे सकता और ये भी देखा है की साधन के और ही हम गुलाम बन जाते है जब हम कोई चीज खरीद लेते है तो उस् का ध्यान रखते है याने पैसे से खरीदो और फिर उसकी देख रेख करो याने आमिर बनो और अमीरी की गुलमी करो .....वा रे किस्मत ..एक राज की बात है किस्मत का सही अर्थ ये है ...
किस+ मत याने किसके मत पर चलो तो सुख मिलेंगा ये बहुत अहम् बात है अपना किस्मत बनाना है तो सुना है इश्वर की मत सर्व का कल्याण करी है ...ये हमने सुना है और इश्वर ही सर्व का सद्गति दाता है, मानुष तो दुर्गति दाता है इस लिए इश्वर की ही मत पर चलो तो किस्मत सवार जाएँगी ...
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