बड़े दिनों पर मेरी हुई जब मुझ से मुलाकात
बन कर चाँद तुम्ही ने देखा सुन ले सारी बात -2
मेरे दिल की बात वो बाबा ..........2
सामने मैंने अपने अहम् का रखा था दिया जलाकर ..2
फिर क्यों मुझ को ख्याल ही आता देखू नजर उठाकर
दिया भुझाया होते हुवे देख…2 रोशनी की बरसात
बन कर चाँद तुल्ही ने देखा सुन ले सारी बात
बड़े दिनों पर मेरी हुई जब मुझ से मुलाकात
बन कर चाँद तुम्ही ने देखा सुन ले सारी बात
पास तनिक जो तेरे आये खुल गए ज्ञान के नैन
खुद का रूप तुम्ही सा पाकर मिला है मन को चैन .. 2
बन के रहू दिल तक्तनशिन में .......2 दिल में है जज्बाद
बन कर चाँद तुम्ही ने देखा सुन ले सारी बात
बड़े दिनों पर मेरी हुई जब मुझ से मुलाकात
बन कर चाँद तुम्ही ने देखा सुन ले सारी बात
तेरे नूर से रोशन है अब अपना जहान सारा ...2
ज़िन्दगी स्वागत तेरी तो गम का क्यों अँधियारा
साथी प्रभू है फ़क्र है मुझको ......2 फिर कैसी फ़िकरात
बन कर चाँद तुम्ही ने देखा सुन ले सारी बात
बड़े दिनों पर मेरी हुई जब मुझ से मुलाकात
बन कर चाँद तुम्ही ने देखा सुन ले सारी बात -2
मेरे दिल की बात वो बाबा
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