Thursday, March 14, 2013

" तू परम आत्मा जग का आधार है "


   तू  परम आत्मा  जग का आधार है 

  तू  परम आत्मा  जग का आधार है शिव ज्योति अलोकिक निराकार है -2
  तू  अजन्मा ,अजोनी ,स्वयम सार है , तू  महाकाल इश्वर ओमकार है
पांच तत्वों से भी पार घर है तेरा -2 
ब्रह्मा से जो बना वो नगर है तेरा -2
शांति आनंद मुक्ति का वो लोक है, वाणी से भी रहित दिव्या परलोक है 
  आत्यामें वहां की हम निराकार है, घर है जाना प्रभु संग इंतज़ार है
  तू  परम आत्मा  जग का आधार है शिव ज्योति अलोकिक निराकार है
तेरे संकल्प से ये दुनिया बनी -2 
चाँद सूरज सितारे ये जीवन ज़मीन -2 

नाम तेरा है शिव सबसे सुन्दर तुही, तुमसे बढकर जगत में कहीं कुछ नहीं 
तुम रचियता नियामक भी निराकार है, तू ही स्राह्स्ता है साक्षी पलानहर है… 

  तू  परम आत्मा  जग का आधार है शिव ज्योति अलोकिक निराकार है

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