मौत दो बातों पर हँसती है
हम अपने मौत को कभी कभी याद करते है
और किसी के मौत पर बहुत दुखी भी होते है
और कभी ऐसा भी होता है हम बिमार होते है
तो डॉक्टर के पास जाते है और कुछ ऐसा भी होता है
तो तब, डॉक्टर कहता है मरीज को की तुम निश्चिंत रहो में हु ना,
और दूसरा जब किसी के मरने पर कोई आदमी कहता है "बेचारा चल बसा "
और ये कहने वाला इस अंदाज़ में कहता है जैसे वह कभी नहीं मरेगा
मौत उसके इस अंदाज़ पर हँसती है और कहती है; टीक है बच्चू !
तूने उसको "बेचारा" कहा तो अब तेरा ही नंबर है
यहा कौन है ? जो मुत्यु की क्यू में न खड़ा हो ?
और मुझे लगता है अगर हम रोज अपने मौत को याद कर ले
तो कोई गलत कर्म हम से नहीं होगा
सोचो दिल से .................
No comments:
Post a Comment