" बुजुगॊ की संगति करो "
बुजुगॊ के चेहरे की एक एक झुर्री पर हजारों अनुभव लिखे होते है
उनके कांपते हुवे हाथ, हिलती हुई गर्दन,लड़खड़ाते हुवे कदम और
मुरझाया हुवा चेहरा सन्देश देता है की जो भी शुभ करना है,वो
आज, अभी और इसी वक्त कर लो
कल कुछ नहीं कर पाऒगे
बूढा इंसान इस धरती का
सब से बड़ा सिक्षालय है क्यू की
उसे देखकर उगते सूरज की
डूबती कहानी का बोध होता है .
(मुझे लगता है आप समझ गए होंगे पर कही कभी कभी ये वैसे नहीं होता जैसे लिखा है लेकिन कुछ मात्र कम जादा हो सकता है ,बीमारी या फिर सिक्षा और समझ और समाज से भी जुड़ा होता है )
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