मंदिर और मस्जिद
एक बार आवो अपने दिल से बात करते है ....
कोई मंदिर गिर जाए तो बहुत ज्यदा घबराने की जरुरत नहीं है,
कोई मस्जिद टूट जाये तो भी बहुत हल्ला मचाने की जरुरत नहीं है
मंदिर और मस्जिद तो सैकोड़ो बार बनेगे-टूटेंगे
लेकिन इंसानियत का मंदिर
एक बार खंडित हो गया तो फिर किसी में इतना
दम नहीं है कि उसे दुबारा से खड़ा कर सके
क्या मिट्टी की ईट, चारित्र के चुना और सत्य के
सीमेंट से ज्यादा हो सकता है ?
सत्य और चारित्र का क्या महत्व है
सत्य वन बनो चारित्र वन बनो
आज संसार को इस की जरुरत है
अगर आप चरित्रवान है तो आपके लिए
मंदिर मस्जिद से ज्यादा मूल्य इंसानियत का होगा
आप समझ गए होंगे की हमारे जीवन में
इंसानियत का कितना महत्व है….
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