सत्य धर्म का कार्य को स्थापित
बाबा ने जो उसको मानो
उसको समझो धर्म की
सच्ची रूह को तुम पहचानों।
विष्णु पूरी जाने की इच्छा है तो
एक संग जुड़ जाओ
एक पिता को याद करो दिल से
उसकी ही तरफ मूड जाओ।
जो अशुद्ध है खान - पान
उसको त्यागो यह मानो
इसको समझो धर्म अपना
सच्ची रूह को तुम पहचानों।
पूर्ण ह्रदय से वफा करोगे
तो सम्पूर्ण बनोगे
दुःख से मुक्ति मिलेंगी
सुख की सीढ़ी चढ़ेंगे।
सत्य धर्म का कार्य को स्थापित
बाबा ने जो उसको मानो
उसको समझो धर्म की
सच्ची रूह को तुम पहचानों।
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