ज्ञान योग की करो शौक से
शौक से करो पढ़ाई
इसी पढ़ाई से हो सकती
सच्ची नेक कमाई
ज्ञान बिना है लाभ भला
कब किसको जग में मिलता।
माया करती लढाई, नशा
उल्टा ही उल्टा चढ़ता
अपनी कमी को छुपाकर
खुद को ठगना कभी
ज्ञान योग की करो शौक से
शौक से करो पढ़ाई
याद रहे विपरीत नियम के
कुछ भी नहीं है करना
कंकड़ रूपी औगुण छोड़के
गुण के मोती तुम चुगना
बन कर हँस ज्ञान - सागर में
रहना मेरे भाई।
ज्ञान योग की करो शौक से
शौक से करो पढ़ाई
इसी पढ़ाई से हो सकती
सच्ची नेक कमाई
Lyrics - Sushil Sarit
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